फ्लिपकार्ट के लिफाफे में हो रही गांजा और चरस की तस्करी
टीम एक्शन इंडिया/ग्रेटर नोएडा।
ई कामर्स (फ्लिपकार्ट) के लिफाफे में गांजा व चरस की तस्करी करने वाले चार आरोपितों को स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों में बीबीए की पढ़ाई पूरी कर चुकी छात्रा वर्षा, उसका फुफेरा भाई चिंटु ठाकुर, पिंटू उर्फ कालू सभी निवासी बुलंदशहर के डिबाई व उसके साथी जयप्रकाश निवासी बलिया शामिल है। वाट्सएप ग्रुप पर आती थी डिमांड: आरोपित ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क व अन्य जगह स्थित कॉलेज व फैक्ट्रियों में आनलाइन डिमांड पर गांजा व चरस सप्लाई करते थे। डिमांड आरोपितों को वाट्सएप पर आॅनलाइन मिलती थी। रकम खाते में ली जाती थी। गिरोह का सरगना रिंकू उर्फ सेठ व उसका साथी विकास अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। सभी आरोपितों की गिरफ्तारी बीटा दो कोतवाली क्षेत्र से हुई है। मेट्रोमोनियल साइट से दोस्ती कर युवती ने लगाया 17 लाख का चूना, नोएडा के युवक से ठगी करके फोन उठाना बंद किया
एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि शिक्षण संस्थान व उसके आस-पास गांजा व चरस की तस्करी हो रही है। यह आॅनलाइन डिलीवरी बेहद गोपनीय तरीके से हो रही है। मुखबिर की सूचना के आधार पर सोमवार रात नट की मढ़ैया के समीप एक कार व बाइक की जांच की गई तो मौके से चारों आरोपित पकड़े गए। आरोपितों के कब्जे से 20 किलो गांजा व 400 ग्राम चरस बरामद: आरोपितों के कब्जे से 20 किलो गांजा, 400 ग्राम चरस और फ्लिपकार्ट कंपनी के 148 लिफाफे, 41 पैकिंग, पालीथिन, इलेक्ट्रानिक तराजू बरामद हुआ। पूछताछ में पता चला है कि पुलिस से बचने के लिए आरोपित फ्लिपकार्ट के लिफाफे का प्रयोग करते थे। मुख्य रूप से शिक्षण संस्थान एमिटी, बेनेट, गलगोटिया, शारदा विश्वविद्यालय के छात्रों को गांजा व चरस बेचा जाता था। आरोपित पूर्व में भी गांजा तस्करी के मामले में जेल जा चुके है।
पुराने संपर्क का उठाती थी फायदा : वर्षा ग्रेटर नोएडा के कालेज से बीबीए की पढ़ाई कर चुकी है। इस वजह से उसके कालेज के छात्रों से पुराना संपर्क है। वह शिक्षण संस्थानों की भौगौलिक स्थिति भी अच्छे से पता है कि किस रास्ते शिक्षण संस्थान के अंदर मादक पदार्थ जा सकता है, इसी का वह फायदा उठाती थी। वर्षा को यह भी पता है कि कौन-कौन से छात्र मादक पदार्थ का सेवन करते है, इस वजह से उसको गांजा व चरस बेचने में आसानी होती थी। वाट्सएप ग्रुप पर आती थी डिमांड: आरोपित चिंटू और बिंटू ने वाट्सएप ग्रुप बनाया था। उसी ग्रुप पर मादक पदार्थ की डिमांड आती थी। वर्षा संदेश डालती थी कि कितना गांजा कहा पहुंचाना है। डिलीवरी का काम कभी-कभी वर्षा भी करती थी। हालांकि नियमित रूप से जयप्रकाश ही डिलीवरी करता था। वर्षा व जयप्रकाश पूर्व में गिरोह के लिए वेतन पर काम करते थे, बाद में वह साझेदार बन गए।
दो खाते हुए फ्रीज पुलिस ने आरोपितों के दो खाते भी फ्रीज किए है। उसमें कुल कितनी रकम है, इसकी जानकारी अभी नहीं हो सकती है। रिंकू के पकड़े जाने के बाद पुलिस को कई अन्य खातों की जानकारी मिलने की उम्मीद है। शिलोंग से लाते थे गांजा व चरस
एसीपी आरके तिवारी ने बताया कि आरोपित शिलोंग से 40 हजार रुपये प्रति किलो में गांजा लाते थे। आरोपित आर्गेनिक गांजा बताकर उसको आगे बेचती थी। दस, बीस व पचास ग्राम की पुड़ियां छात्रों को सप्लाई की जाती थी। दस ग्राम पुड़िया की कीमत 100 रुपये है।