जून 2028 तक चालू होगा गोरखपुर परमाणु प्लांट
- मुख्य सचिव ने ली अधिकारियों की बैठक
- कम क्षमता वाली लाइनों में होगा बदलाव
चंडीगढ़: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में स्थित उत्तर भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पहली इकाई संभवत: जून 2028 में काम करना शुरू कर देगी. यह जानकारी सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हरियाणा सरकार और गोरखपुर हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) के अधिकारियों के समन्वय के संबंध में हुई बैठक में दी गई. कौशल ने बैठक में बिजली अधिकारियों को उच्च ट्रांसमिशन, कम क्षमता की लाइनों के स्थानांतरण कार्य में तेजी लाने और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजना को वैकल्पिक स्रोत से संयंत्र स्थल तक 33 केवी बिजली कनेक्शन प्रदान करने का निर्देश दिये.
उन्होंने लोक निर्माण विभाग और फतेहाबाद जिला प्रशासन को परियोजना स्थलों को सडक़ से राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडने के लिए संयुक्त अध्ययन करने का निर्देश दिये. इस पहुंच मार्ग से स्थल तक भारी लिफ्टें और मशीनरी के परिवहन की सुगम सुविधा होगी. परियोजना की प्रगति की जानकारी देते हुए जीएचएवीपी के परियोजना निदेशक निरंजन कुमार मित्तल ने बताया कि भूमि सुधार का 74 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. इसके अतिरिक्त, पहली इकाई के लिए एंड शील्ड और स्टीम जनरेटर जैसे महत्वपूर्ण रिएक्टर उपकरण साइट स्थल पर पहुंच गए हैं.
परमाणु संयत्र गोरखपुर में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के पहल के रूप में पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से अब तक 39.08 करोड रुपये का निवेश किया गया है. इस राशि से काजलहेड़ी से गोरखपुर तक फतेहाबाद नहर शाखा के बाएं किनारे पर पक्की सडक़ का निर्माण, आस-पास के स्कूलों में कक्ष, लैब, पुस्तकालयों और शौचालयों की स्थापना, गोरखपुर में गौशाला का निर्माण, काजलहेड़ी में कछुआ संरक्षण पार्क का निर्माण, मुफ्त इलाज और दवाओं के वितरण के लिए एक मोबाइल मेडिकल वैन की व्यवस्था करने जैसी विभिन्न विकास परियोजनाओं के कार्य शामिल हैं. कौशल ने कहा कि अग्रोहा में बन रही आवासीय टाउनशिप एवं आठ बहुमंजिला आवासीय टावरों एवं संबंधित सुविधाओं के निर्माण की प्रगति का कार्य अग्रिम चरण में है जिसे जून 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.