ओपीएस को लेकर सड़कों पर उतरेंगे हरियाणा के कर्मचारी
चंडीगढ़/टीम एक्शन इंडिया
सरपंचों के बाद अब हरियाणा के कर्मचारी सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम के साथ ही विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की मांग को लेकर राज्य भर में प्रदर्शन किए जाएंगे। 14 मार्च को सभी कर्मचारी जिला स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। साथ ही डीसी के जरिए सीएम को भेजने के लिए मांग पत्र सौपेंगे। यह धरना प्रदर्शन ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन और कन्फर्मेशन आॅफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के संयुक्त राष्ट्रव्यापी आंदोलन के आह्वान पर किए जाएंगे।
एनपीएस भी कर्मचारी हित में नहीं: यूनियन अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) भी वित्तीय पूंजी द्वारा संचालित नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के पैकेज का हिस्सा ही हैं। इस पैकेज में खाली पड़े पदों को पक्की भर्ती से भरने की बजाय कुछ पदों पर ठेका भर्ती करना, जन सेवाओं के विभागों एवं पीएसयू का निजीकरण करना, कम से कम वेतन में ज्यादा से ज्यादा काम लेना, कर्मियों की सुविधाएं में कटौती करना, श्रम कानूनों और ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करना शामिल है।
हरियाणा कौशल निगम इसी का परिणाम: हरियाणा कौशल रोजगार निगम, चिराग योजना, एनईपी, फौज में 4 साल के लिए भर्ती, बिजली संशोधन बिल 2022 इसी का परिणाम है, इसलिए कर्मचारियों को सभी समस्याओं की जननी नव उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ व्यापक एकता बनाकर मैदान में उतरने की ठोस योजना बनानी होगी, जिसमें आमजन को भी शामिल करना होगा। नव उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ और लंबित मांगों को लेकर टुकडों में आंदोलन नहीं किया जा सकता।
इन मांगों की करेंगे मांग: प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की स्थाई पॉलिसी, समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान, निजीकरण पर रोक लगाने, 8वें वेतन आयोग का गठन व 18 महीने के बकाया ऊअ भुगतान करने एक्सग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने आदि मांगों मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।