हरियाणा

भीषण बेरोजगारी झेल रहा हरियाणवी युवा: दीपेन्द्र हुड्डा

टीम एक्शन इंडिया/चंडीगढ़
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की नौकरियों में अन्य राज्य के लोगों को के अंक देना मूल हरियाणवियों के अधिकारों पर कुठाराघात है। जबकि बाकी सभी राज्य अपनी नौकरियों में मूल निवासियों के अधिकारों को संरक्षण दे रहे हैं। हरियाणा सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि ग्रुप-उ, ग्रुप-ऊ की भर्तियों में सोशियो-इकोनॉमिक अंक देश के हर प्रदेश के नौजवानों को दिए जाएंगे। हरियाणा ऐसा करने वाला देश में पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के नौजवानों को सरकारी नौकरी से वंचित रखने की सोच की तरफ बढ़ते हुए ही सरकार ने इस प्रकार का नोटिफिकेशन जारी किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भीषण बेरोजगारी झेल रहा युवा सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों का शिकार हो रहा है। इससे पहले हरियाणा डोमिसाइल की शर्त को 15 से घटाकर 5 साल कर दिया गया। अब सोशियो-इकोनॉमिक अंक भी दूसरे प्रदेशों के नौजवानों को भी उतने ही दिए जायेंगे जितने हरियाणा के नौजवानों को दिए जाते हैं। ये कहीं और किसी प्रदेश में नहीं है। इसके अलावा परीक्षाओं में हरियाणा से जुड़े सामान्य ज्ञान के सवालों को भी हटा दिया गया है। सरकार के ये सारे कदम इस बात की तरफ संकेत कर रहे हैं कि उसका हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने पर कोई ध्यान नहीं है। हरियाणा की नौकरियां हरियाणवी युवाओं को न मिलकर दूसरे राज्यों के लोगों को दी जा रही हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने याद दिलाया कि 2019 चुनाव से पहले हरियाणा में बिजली विभाग के रऊड भर्ती में सामान्य वर्ग की 80 पोस्ट में से 78 पर गैर-हरियाणवी अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। हमने जब इस मुद्दे को लगातार उठाया तब जाकर सरकार को भर्ती कैंसिल करनी पड़ी। इसी प्रकार, असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साइंस पद हेतु सामान्य वर्ग की 18 पोस्ट में से 11 पोस्ट गैर-हरियाणवी लोगों को दी गई। इसी तरह, टेक्निकल लेक्चरर की भर्ती में सामान्य श्रेणी के 157 पदों में 100 से ज्यादा गैर-हरियाणवियों का चयन किया गया।
हैरान करने वाली बात ये है कि ग्रुप अ और ग्रुप इ की नौकरियों में खासतौर पर गैर-हरियाणवी लोगों का चयन किया जा रहा है। उन्होंने गठबंधन सरकार से सीधा सवाल किया कि हरियाणा के योग्य युवा कहाँ जाएँ? क्या दूसरे प्रदेश इतनी बड़ी संख्या मे हरियाणा के युवाओ को स्थान देंगे? हरियाणा के युवाओं के साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है? आज सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से सीईटी क्वालीफाई करने वाले युवाओं ने मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। दीपेन्द्र हुड्डा ने सीईटी क्वालीफाई नियमों में किए गए बदलाव को वापस लेने की मांग की और युवाओं की मांगों का पूर्ण समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत संज्ञान ले। अगर ये सरकार युवाओं की मांगों को नहीं मानती तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर हम इनकी सीईटी क्वालीफाई को मौका देने की मांग को पूरा करेंगे। साथ ही कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा, संसद तक इनकी मांगों को उठाएगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पूरे प्रदेश में लगातार सीईटी क्वालीफाई करने वाले नौजवान उनसे मिल रहे हैं। नियमों में बदलाव होने से सीईटी परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों में सरकार के प्रति भारी रोष है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि युवाओं की मांग है कि सीईटी क्वालीफाई करने वालों को भी भर्तियों के साक्षात्कार, टेस्ट आदि में बुलाया जाए। सरकार अभी 4 गुना की एक मनमानी शर्त लेकर आई है जिसका कोई अर्थ नहीं है।

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