Adani को लेकर हिमाचल की सियासत गरम, प्रियंका के सवाल पर बरागटा का पलटवार, बोले- घड़ियाली आंसू न बहाएं, बागवानों के प्रति आपकी सरकार की जवाबदेही’
शिमला: इन दिनों हिमाचल में सेब सीजन चल रहा है. वहीं, अडानी कंपनी ने इस बार सेब की कीमत मार्केट रेट से कम तय किए थे, जिसको लेकर बागवानों ने विरोध किया था. जिसके बाद अडानी कंपनी ने सेब की कीमतों में 10 रुपये किलो की बढ़ोतरी की. वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से अडानी पर सेब बागवानों को लूटने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी को घेरा था. जिसको लेकर अब बीजेपी ने प्रियंका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
हिमाचल बीजेपी के प्रवक्ता चेतन बरागटा ने अडानी मामले को लेकर प्रियंका गांधी को घेरा है. उन्होंने कहा प्रियंका गांधी शायद भूल गई है कि हिमाचल प्रदेश में आपकी पार्टी की सरकार है. सेब सीजन में बागवानों को हो रही दिक्कतों के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. हिमाचल प्रदेश की सड़के आज भी बाधित है. जिस कारण बागवान अपना सेब मंडियों तक समय से नही पहुंचा पा रहा है. इसलिए प्रियंका जी घड़ियाली आंसू रोने की बजाएं अपनी पार्टी की सरकार को कहकर सड़कों को खुलवाने को कहिए
इसके साथ चेतन बरागटा ने प्रियंका गांधी वो गारंटी याद दिलाई, जो चुनाव के वक्त उन्होंने ने जनता से किए थे. बरागटा ने पूछा कि आपने कहा था कि बागवान फलों के दाम खुद तय करेंगे. प्रदेश में आपकी सरकार है. क्यों अभी तक इस गारंटी को पूरा करने के लिए किसी कमेटी का गठन नहीं किया? क्यों आप लोग अडानी से बात नहीं करते, जबकी प्रदेश में सरकार आपकी है और बागवानों के प्रति जवाबदेही भी आपकी बनती है. चेतन ने कहा विडंबना तो इस बात कि है जब बागबानों को बारिश की वहज से बंद रास्तों के चलते अपने सेब की फसल नाले में फेंकनी पड़ी, उन पर कांग्रेस सरकार ने नाले को दूषित करने के लिए 1-1 लाख रुपया का जुर्माना लगाया है, जिससे कांग्रेस का किसान-बागवान विरोधी चेहरा सामने आ गया है.
बता दें कि पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने अडानी कंपनी द्वारा बागवानों को सेब के दाम कम दिए जाने का मुद्दा उठाया था. प्रियंका गांधी ने कहा आपदा के इस दौर में जहां हिमाचल के बागवानों पर पहले से ही परेशानियों का पहाड़ टूट रहा था, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अडानी उनकी परेशानियों को क्यों बढ़ा रहे हैं? खबरों के मुताबिक अडानी के दाम जारी करने के बाद सेब की पेटियां पहले से एक तिहाई दाम में बिक रही हैं. आपदा के समय ऐसा करना शर्मनाक है. जहां हिमाचल के किसानों और बागवानों को मदद की जरूरत है, वहां उन्हें तोड़ा जा रहा है. पीएम मोदी इस लूट को रोकने के लिए कुछ कर क्यों नहीं रहे हैं ?