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बीसीसीआई से मान्यता चाहती है भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम

बीसीसीआई से मान्यता चाहती है भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम

मेरी तैयारी में इससे कोई बदलाव नहीं आया है। हमें टेस्ट मैच जीतना है  : अश्विन
इंग्लैंड के खिलाफ 2012 श्रृंखला मेरे लिये निर्णायक मोड़ थी : अश्विन

नई दिल्ली
भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम चाहती है कि बीसीसीआई उन्हें अपनी छत्रछाया में लेकर सक्षम खिलाड़ियों की तरह माने ताकि वे भी आगे बढ सकें।

भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कोच मोहम्मद इब्राहिम ने कहा कि नेत्रहीन क्रिकेट को अगले स्तर तक ले जाने के लिये बीसीसीआई से मान्यता मिलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मान्यता के साथ नेत्रहीन क्रिकेटरों को बोर्ड से केंद्रीय अनुबंध भी मिलने चाहिये।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के नेत्रहीन क्रिकेटरों को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से अनुबंध मिले हुए हैं और वे अच्छा खेल रहे हैं। पीसीबी ने उनका काफी सहयोग किया है। बीसीसीआई को भी आम क्रिकेटरों की तरह नेत्रहीन क्रिकेटरों को अनुबंध देने चाहिये।''

भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट संघ के महासचिव शैलेंदर यादव ने कहा कि नेत्रहीन क्रिकेटरों के लिये सराहना और सम्मान बढा है। उन्होंने कहा, ‘‘नेत्रहीन टीम के पूर्व कप्तान शेखर नाईक को पद्मश्री दिया गया और पूर्व कप्तान अजय रेड्डी को इस साल अर्जुन पुरस्कार मिला। उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह बीसीसीआई नेत्रहीन क्रिकेट को मान्यता देगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को भारत सरकार और प्रदेश सरकारों से वित्तीय सहायता मिल रही है। कुछ को हरियाणा, ओडिशा और केरल में सरकारी नौकरी भी मिली है। हम चाहते हैं कि कुछ और खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां मिले।''

मेरी तैयारी में इससे कोई बदलाव नहीं आया है। हमें टेस्ट मैच जीतना है  : अश्विन
इंग्लैंड के खिलाफ 2012 श्रृंखला मेरे लिये निर्णायक मोड़ थी : अश्विन

धर्मशाला
भारत के सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने  कह कि इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला उनके कैरियर का निर्णायक मोड़ थी जिससे उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने में मदद मिली। इंग्लैंड ने वह श्रृंखला 2.1 से जीती थी जो भारत में 1984.85 के बाद श्रृंखला में उसकी पहली जीत थी।

अश्विन ने अपने सौवे टेस्ट मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला मेरे लिये निर्णायक मोड़ थी। इसने मुझे बताया कि मुझे कहां सुधार करना है।''

इंग्लैंड के खिलाफ यहां सात मार्च से शुरू हो रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट के जरिये अश्विन अपने कैरियर के सौ टेस्ट पूरे करेंगे। उन्होंने इस बारे में कहा, ‘‘यह बड़ा मौका है। गंतव्य से ज्यादा सफर खास रहा है। मेरी तैयारी में इससे कोई बदलाव नहीं आया है। हमें टेस्ट मैच जीतना है।''

कैरियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘बर्मिंघम में 2018.19 में मेरे टेस्ट कैरियर का सर्वश्रेष्ठ स्पैल रहा।'' हाल ही में 500 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले अनिल कुंबले के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज बने अश्विन ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।

 

 

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