देहरादून । टीम एक्शन इंडिया
धामी सरकार जोशीमठ शहर में हो रहे भू-धसाव व भू-स्खलन को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री ने परिवारों को चिन्हित करने और सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास के लिए प्रस्ताव तैयार के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए हैं।
सोमवार को सचिवालय परिसर स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से जोशीमठ में भू-धसाव व भू-स्खलन को लेकर आपदा प्रबन्धन विभाग की जा रही कार्यवाही की अपने समीक्षा की गई। इस दौरान बताया गया कि जोशीमठ शहर मुख्यतः पुराने भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर बसा है। इस प्रकार के क्षेत्रों में जल निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने की स्थिति में जमीन में अन्दर जाने वाले पानी के साथ मिट्टी व अन्य के पानी के साथ बह जाने के कारण कई बार भू- धसावं की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि जोशीमठ शहर में 1970 के दशक से हल्का भू-धसांव हो रहा है। फरवरी-2021 में धौलीगंगा में आई बाढ़ के कारण अलकनन्दा के तट के कटाव के उपरान्त से इस समस्या ने गम्भीर स्वरूप ले लिया है। उक्त भूधसाव व भू-स्खलन का अध्ययन कर करणों का पता लगाने और उपचार के लिए संस्तुति करने के उद्देश्य से आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग की ओर से जुलाई 2022 में एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया था।
दल में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अतिरिक्त भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान,रूड़की,केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की,भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग, देहरादून तथा वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, देहरादून के वैज्ञानिक शामिल थें।