मणिपुर हिंसा: वापस लौटे हरियाणा के छात्र
टीम एक्शन इंडिया/जींद
मणिपुर में पिछले कई दिनों से चल रही हिंसा के बीच फंसे छात्र-छात्राओं के बीच नरवाना की रितू भी थी, जोकि सोमवार देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची। जैसे ही परिजनों को रितु के आने का पता चला तो उसे लेने के लिए एयरपोर्ट गए। रितू को अपने बीच पाकर परिजन बेहद खुश हुए। हालांकि रितू दिल्ली से नरवाना वापस नहीं लौटी हैं और वहीं अपने रिश्तेदारों के यहां है। गौरतलब है कि जींद के नरवाना की रीतू समेत हरियाणा की 11 छात्राएं मणिपुर एयरपोर्ट से 14 किलोमीटर दूर हॉस्टल में फंसी थी। हॉस्टल के बाहर बम और गोलियों की आवाज गूंज रही थी। ऐसे में हॉस्टल में बंद छात्रो को 18 से 20 घंटे में एक बार खाना नसीब हो पा रहा था। एयरपोर्ट तक छात्राओं को पहुंचाने के लिए सुरक्षा नहीं मिल पा रही है। सभी छात्रों की सकुशल वापसी को लेकर सरकार ने स्पेशल अभियान चलाया। बाकायदा मुख्यमंत्री मनोहरलाल इस अभियान पर नजर रखे हुए थे।
गौरतलब है कि जींद के नरवाना स्थित हरि नगर की रहने वाली रीतू ने कुरुक्षेत्रा यूनिवर्सिटी से अपनी मास्टर डिग्री करने के बाद एनआईटी मणिपुर में पीएचडी के लिए दाखिला लिया था। एक सप्ताह दिन पहले वह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में आ गई थी। इसके बाद वहां हिंसा और आगजनी की घटनाएं बढ़ गई और वह हॉस्टल में ही रह गई। पहले 100 से ज्यादा छात्राएं यहां थी लेकिन वहां की प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें निकाल लिया गया। लेकिन हरियाणा की 11 छात्राएं और उत्तर प्रदेश की 50 से ज्यादा छात्राएं वहां मौजूद थी। हॉस्टल में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी यहां से भाग कर जा चुके थे। खाने और पीने की समस्या आने लगी थी।
रीतू के पिता राजकुमार ने बताया कि उसक बेटी पीएचडी करने के लिए मणिपुर गई थी लेकिन वह वहां हिंसा के चलते फंस गई थी। उन्होंने प्रशासन व सरकार से मदद की गुहार लगाई थी, ताकि उसकी बेटी को वहां से सुरक्षित निकाला जा सके। सरकार ने स्पेशल अभियान चलाते मणिपुर में फंसे छात्रों को सकुशल लाने का सराहनीय कार्य किया है। सोमवार को सुबह रितु के साथ उनकी बात हुई थी तो उसने बताया कि जिला प्रशासन की मदद से उनकी टिकट बुक हुई है।
पहले टिकट भी नहीं बुक हो रही थी। शाम को 3.30 बजे के करीब उनकी बेटी का फोन उनके पिता राजकुमार के पास आया और उसकी बेटी ने माता-पिता को राहत की खबर देते हुए बताया कि वह रात तक दिल्ली पहुंच जाएगी।