
नगर निगम ने शहर के बुद्धिजीवियों के साथ की बैठक, नहीं बुलाए पार्षद
मंडी : नगर निगम मंडी के आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त ने शहर के बुद्धिजीवियों के साथ शहर के विकास को लेकर एक बैठक बुलाई थी। यह बैठक इसलिए चर्चा में आ गई क्योंकि चुने हुए पार्षदों को इस बैठक से दूर रखा गया। किसी भी पार्षद, महापौर या उपमहापौर को इसकी जानकारी नहीं दी गई और न ही उन्हें बुलाया गया। इस बात को लेकर पार्षद खफा हो गए हैं।
नगर निगम मंडी के उपमहापौर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि उन्हें बैठक का पता चला है लेकिन अधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी नहीं दी गई। यह चिंता का विषय है क्योंकि चुना हुआ प्रतिनिधि 24 घंटे जनता के बीच ही रहता है। बैठक में जो विषय उठे होंगे उनका समाधान करवाना चुने हुए प्रतिनिधि का ही काम होता है।
नगर निगम मंडी के अतिरिक्त आयुक्त शशि पाल शर्मा ने बताया कि बैठक सिर्फ शहर के बुद्धिजीवी वर्ग के साथ रखी गई थी ताकि शहर के विकास के लिए उनके सुझाव लिए जा सकें। इसमें किसी भी पार्षद को शामिल नहीं किया गया था। बुद्धिजीवियों के पास शहर के विकास के लिए अपना एक अलग नजरिया होता है, उसी को जांचने के लिए बैठक बुलाई गई थी।
वहीं शहर निवासी हरमीत सिंह बिट्टू और अनिल शर्मा ने बताया कि सभी ने शहर के विकास के लिए अपने सुझाव दिए हैं। नगर निगम ने चुने हुए प्रतिनिधियों को बैठक में न बुलाकर अच्छा किया क्योंकि बहुत सी ऐसी बातें होती हैं जो पार्षद के खिलाफ भी चली जाती हैं। यदि पार्षद उस बैठक में मौजूद रहता तो फिर ये बातें नहीं हो पाती। इसलिए उनकी गैरमौजूदगी ने सभी ने खुलकर अपनी बातें रखी हैं।