हिमाचल प्रदेश

कवि-आलोचक गणेश गनी को ओकार्ड साहित्य सम्मान-2024

श्याम कुल्वी
कुल्लू : विख्यात कवि कुमार कृष्ण इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि, अब्दुल बिस्मिल्लाह विशेष आमंत्रित अतिथि, देवेंद्र गुप्ता विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता जबकि राकेश गुप्ता ने अध्यक्षता की। साहित्यकार देवकन्या ने प्रशस्ति पढकर गणेश गनी का परिचय दिया।

सेतु पत्रिका के सम्पादक डॉक्टर देवेंद्र गुप्ता ने अपने सम्बोधन में गणेश के समग्र व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। किस्से चलते हैं बिल्ली के पांव पर पुस्तक से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहे, हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित कवि, आलोचक एवं किस्सागोई के लिए गणेश गनी को वर्ष 2024 के ओकार्ड साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

आठवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के अवसर पर ओकार्ड इंडिया द्वारा आयोजित साहित्य सम्मान समारोह के अवसर पर मुख्यातिथि डॉ कुमार कृष्ण ने कहा कि गणेश गनी के साथ होना कविता के साथ होना है, उनकी रचना किस्से चलते हैं बिल्ली के पांव पर एकेडमिक आलोचना की शुष्कता पर करारा प्रहार है।

कवि कुमार कृष्ण ने कहा कि गणेश गनी हिमाचल के विजय दानदेथा है उन्होंने 100 से अधिक कवियों की कविताओं का बखूबी विश्लेषण अपनी चार पुस्तकों में किया है। गणेश गनी मूलत: कवि हैं, जो पेड़ों की जड़ों में कविता सुनाने का हुनर रखते हैं। लोकोत्तर कवि गणेश भारतीय कविता में अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं भले ही उनको दिल्ली के साहित्य जगत में दर्ज नहीं किया गया हो। आलोचक चाहे अपने चहेते लेखकों, साहित्यकारों को उभारने में व्यस्त हैं जबकि गणेश गनी स्वयं कवि और आलोचक होने की महारत रखते हुए इस संत्रास से स्वयं को बचा पाने में सफल रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button