हिमाचल प्रदेश

गाथागीत घुरे की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई

टीम एक्शन इंडिया/ कुल्लू/ श्याम कुल्वी
बहिरंग थिएटर ग्रुप कुल्लू एवं लाहौल स्पिति द्वारा जनजातीय क्षेत्र लाहौल के, चिमरट पंचायत के गांव, तमलू में, गाथागीत घुरे की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। ये कार्यशाला संस्था की अध्यक्ष आरती ठाकुर की अगुआई में तथा महिला मंडल की प्रधान शानदेई के सहयोग से तमलू गांव की ही बुजर्ग महिला लाभदासी के घूरे गीतों गा कर सिखाने तथा बच्चों, युवाओं तथा महिला मण्डल की औरतों द्वारा गीत सीखने से सम्पन्न हुई। आरती ठाकुर के अनुसार घुरे जनजातीय क्षेत्र लाहौल की लोक गीतों की एक ऐसी विधा है जो आज अपनी अंतिम सांसें गिन रही है।

कई गुणीजन इसे संरक्षित करने का प्रयास कर रहें हैं।आज भी गांव में ऐसे कई बुजुर्ग हैं जिन तक हम पहुंच नही पाते। या कहें उनके साथ बैठना नहीं चाहते। जो ऐसी लुप्त होती कई विधाओं को जानते हैं। अंतत: ये गाथागीत, लोकगीत, संस्कार गीत उनके जाते ही उनके साथ दब जाने की सम्भावना है। वहीं तमलू गांव की एक ऐसी बुजुर्ग महिला लाभदासी हैं जिनके पास घुरे का भंडार हुआ करता था। लाभदासी का कहना है कि अब समय के साथ ढ़लती उम्र के साथ हर चीज धुंधली होती जा रही है। लाभदासी ने कुछ घुरे सुनाए और उनके बोल भी लिखवाएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button