कैमरों की फुटेज का एक्सेस देने का किया विरोध: जीएसटीए
टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों के कक्षाओं में पहले से स्थापित सीसीटीवी कैमरों की लाइव या प्लेबैक फुटेज को अभिभावकों को एक्सेस देने के प्रस्ताव पर राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध जताया है। शिक्षक संघ के महासचिव अजयवीर यादव ने एक बयान में कहा कि यह कदम छात्रों और शिक्षकों की निजता का उल्लंघन है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
एक्सेस देने से बिगड सकता है शिक्षा का माहौल: अजयवीर यादव ने कहा कि कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी से छात्रों और शिक्षकों की मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। विद्यार्थी और शिक्षक दोनों ही यह महसूस करेंगे कि उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है, जिससे उनके आत्मविश्वास और पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह की निगरानी से शिक्षकों और छात्रों के बीच विश्वास की कमी हो सकती है, जिससे शिक्षा का माहौल बिगड़ सकता है।
छात्रों और शिक्षकों को हो सकता है खतरा: यादव ने सुरक्षा और दुरुपयोग के खतरों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग या रिकॉर्डेड फुटेज की एक्सेस अगर गलत हाथों में पड़ जाती है, तो इससे छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल युग में हैकिंग और अनधिकृत एक्सेस का जोखिम हमेशा बना रहता है।
शिक्षक संघ के महासचिव अजयवीर यादव ने यह भी बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार द्वारा आवंटित धन को अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बेहतर ढंग से उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इन वित्तीय संसाधनों को बुनियादी ढांचे में सुधार, उन्नत शिक्षण सामग्री, कक्षा में तकनीकी उन्नयन और शिक्षकों के लिए पेशेवर विकास कार्यक्रमों पर खर्च किया जा सकता है। इससे छात्रों के समग्र विकास और शैक्षिक माहौल में सुधार होगा। महासचिव यादव ने सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने और सभी संबंधित पक्षों, जिनमें शिक्षक, अभिभावक, छात्र और गोपनीयता विशेषज्ञ शामिल हैं, के साथ व्यापक संवाद करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली को एक पोषक और सहायक वातावरण बनाने का प्रयास करना चाहिए, जहां शिक्षा और विकास पर ध्यान केंद्रित हो, न कि निरंतर निगरानी पर।