अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम प्रचंड आज करेंगे बहुमत परीक्षण का सामना

काठमांडू
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के सामने 2 सालों में चौथी बार विश्वास मत साबित करने की चुनौती है. वह 20 मई सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने भरोसा जताया है कि वह विश्वास मत जीत लेंगे.

दरअसल, नेपाल की प्रचंड सरकार में सहयोगी कई पार्टियों ने एक के बाद एक करके अपना समर्थन वापस ले लिया था. इसी वजह से प्रचंड के सामने प्रतिनिधि सभा के सामने अपनी सरकार बचाने के लिए विश्वास मत हासिल करने की चुनौती सामने आई है. उन्होंने भरोसा जताया है कि वह सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल कर लेंगे.

डेढ़ साल में चौथी पर साबित करेंगे विश्वास मत

संविधान के अनुच्छेद 100 खंड 2 के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वह विभाजित हो जाती है या गठबंधन सरकार का कोई सदस्य समर्थन वापस ले लेता है तो उसे 30 दिनों के अंदर विश्वास मत हासिल करना होता है. जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) ने पिछले हफ्ते गठबंधन से नाता तोड़कर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. 25 दिसंबर, 2022 को शीर्ष कार्यकारी पद संभालने के बाद डेढ़ साल के अंदर प्रधानमंत्री प्रचंड के लिए यह चौथा मौका होगा जब उन्होंने विश्वास मत हासिल करना होगा. सरकार को विश्वास मत जीतने के लिए 275 सदस्यी प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 वोट की जरूरत होती है.

प्रतिनिधि सभा के असिस्टेंट स्पोक्सपर्सन दशरथ धमाला ने बताया कि पीएम नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 100 खंड 2 के अनुसार विश्वास मत साबित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ऑफिस और मंत्रिपरिषद ने पहले ही एक पत्र भेजकर इस मामले के संबंध में संसद सचिवालय को जानकारी दे दी है.

सरकार पास करेगी विश्वास मत: प्रचंड

शनिवार को काठमांडू में सत्तारूढ़ पार्टी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेरी सरकार फ्लोर टेस्ट में पास कर लेगी. सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों के बीच मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा.'

इस बीच, प्रमुख राजनीतिक दल सहकारी समितियों द्वारा धन के दुरुपयोग की जांच के लिए एक पैनल बनाने पर सहमत हुए हैं. नेपाली कांग्रेस पार्टी सहकारी घोटाले की जांच की मांग को लेकर एक सप्ताह से प्रतिनिधि सभा में बाधा डाल रही है, जिसमें उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री रवि लामिछाने कथित रूप से शामिल हैं.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button