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लाल किले में चल रहे भारत पर्व-2024 में बुंदेली लोकनृत्य की प्रस्तुति

  • लाल किले में चल रहे भारत पर्व-2024 में बुंदेली लोकनृत्य की प्रस्तुति
  • वन विहार में अनुभूति शिविर का आयोजन
  • औषधीय पौधे के संबंध में बच्चों को जानकारी दी

भोपाल

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा लाल किला प्रांगण में 23 से 31 जनवरी, 2024 तक आयोजित भारत पर्व-2024 में आज प्रदेश के लोककलाकारों द्वारा बुंदेली लोकनृत्य- नौरता और बरेदी की प्रस्तुति दी गई। विगत दिवस निमाड़ी लोकनृत्य- फगवा और भील जनजातीय नृत्य भगौरिया की भी प्रस्तुति हुई थीं।

पर्व में मध्यप्रदेश राज्य के ODOP उत्पादों की प्रदर्शनी, थीम स्टॉल तथा प्रदेश के व्यंजनों का फूड स्टॉल भी लगाया गया है।

उल्लेखनीय है कि भारत पर्व का आयोजन प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किला प्रांगण में किया जाता है। इस आयोजन में प्रत्येक राज्य की संस्कृति, उत्सव, व्यंजन, हस्तशिल्प व हथकरघा का प्रदर्शन किया जाता है।

वन विहार में अनुभूति शिविर का आयोजन

औषधीय पौधे के संबंध में बच्चों को जानकारी दी

वन विभाग द्वारा अनुभूति कार्यक्रम 2023-24 के अंतर्गत वन, वन्यप्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के उददेश्य से मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड के समन्वय से आयोजित प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर के अंतर्गत वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 29 जनवरी 2024 को छठवाँ शिविर आयोजित किया गया। शिविर में शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय कटारा हिल्स, भोपाल के 160 विद्यार्थियों एवं 04 शिक्षकों सहित कुल 164 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

अनुभूति कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर के रूप में ए.के खरे सेवा निवृत उप वन संरक्षक एवं डॉ एस.आर वाघमारे, सेवा निवृत उप वन सरक्षक उपस्थित रहे। कैम्प का संचालन सहायक संचालक बन विहार एस के सिन्हा ने किया। श्रीमती पदमाप्रिया बालाकृष्णन, संचालक वन विहार, विजय नंदवंशी बायोलॉजिस्ट तथा अधिकारी/कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

शिविर में सम्मिलित हुये प्रत्येक बच्चे को अनुभूति बैग केप, पठनीय सामग्री स्टीकर, पेन, ब्रोशर, बैच प्रदान किये गये। विद्यार्थियों को पक्षी दर्शन, वन्यप्राणी दर्शन, प्रकृति पथ भ्रमण एवं बन वन्यप्राणी व पर्यावरण से संबंधित रोचक गतिविधियों कराई गई एवं जानकारी प्रदान कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया गया। नवाचार के रूप में रेस्क्यू गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। जिसमें बगैर सिले कपड़े से थैला बनाने की विधि सिखाई गई। इसके पश्चात प्रतिभागियों को छोटे समूहों में बांटकर पर्यावरण से सम्बंधित रोचक खेल जैसे फुड वेब, 'मैं कौन हूँ" अतर्गत प्रतिभागियों द्वारा बाघ सिंह, तेंदुआ आदि वन्यप्राणियों के बारे में पहचान की गई एवं उसके बारे में बताया गया बाघ के बारे में एक फिल्म भी दिखाई गई तथा वन विभाग की सरचना एवं विभिन्न पदों पर चयन होने की योग्यता के बारे में भी प्रतिभागियों को बताया गया। स्पॉट क्विज में प्रथम उर्मिला अहिरवार द्वितीय गायत्री मेवाड़ा एवं तृतीय भूपेन्द्र अहिरवार रहे। विद्यार्थियों को वन्यप्राणियों को कैसे रेस्क्यू किया जाता है इसके सम्बध में रेस्क्यू वाहन के माध्यम से रेस्क्यू टीम द्वारा अवगत कराया गया। कार्यक्रम में विश्व प्रकृति निधि भारत की मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सचालक श्रीमती संगीता सक्सेना द्वारा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की गई। शिविर के दौरान छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों सम्बंधी जानकारी म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रदाय किये गये सेम्पल के माध्यम से दी गई। कार्यक्रम के अंत में शिविर में सम्मिलित बच्चों को शपथ दिलाई जाकर पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र वितरण किये गये।

 

 

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