राष्ट्रीय

भारत में देसी हल्के लड़ाकू विमानों का प्रोडक्शन जारी, इसके बावजूद की जेट इंजन की डिलिवरी में हो रही देरी

नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना जेट इंजन की डिलिवरी में देरी के बावजूद स्वदेशी लड़ाकू विमान (एलसीए) के उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 14 विमानों और उनके सिस्टम को पूरा करने की उम्मीद है। एयरक्राफ्ट के नए मॉडल, एलसीए एमके 1ए का अभी पूरी तरह से परीक्षण किया जा रहा है। उम्मीद है कि पहले विमान को अगले दो महीनों के अंदर दिया डिलेवर कर दिया जाएगा। वायु सेना ने इस विमान के 83 मॉडल का ऑर्डर दिया है। हालांकि विमान का ढांचा बनकर तैयार है और बाकी के पुर्जे भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन अमेरिकी कंपनी जीई से 404 इंजन की आपूर्ति में देरी हो रही है, जिसकी वजह से विमान की डिलिवरी में भी देरी हो रही है। पहले यह तय था कि पहला एलसीए एमके 1ए जुलाई में दिया जाएगा।

यह है पूरा प्लान
सूत्रों के मुताबिक, जीई कंपनी को भी इंजन बनाने वाली दूसरी कंपनियों को कोरोना के कारण दिक्कतें हुई हैं, जिसकी वजह से उन्हें इंजन बनाने में देरी हो रही है। उम्मीद है कि यह कंपनी इस साल अक्टूबर से इंजन की आपूर्ति शुरू करेगी। यह पता चला है कि विमान बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को इस वित्तीय वर्ष में 16 विमान देने का काम दिया गया था। कंपनी ने एक योजना बनाई है जिसके तहत विमान का ढांचा और बाकी के पुर्जे पहले ही तैयार कर लिए जाएंगे, और इंजन बाद में लगाया जाएगा जब जीई कंपनी इंजन की आपूर्ति ठीक से कर पाएगी। अनुमान के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कम से कम 14 विमान तैयार हो जाएंगे। अभी के लिए, विमान बनाने वाली कंपनी अपने पास रखे हुए पुराने इंजनों का इस्तेमाल करके विमान बनाएगी और उनका परीक्षण करेगी। जब इंजन की आपूर्ति शुरू होगी, तो उन्हें तैयार विमानों में लगाया जाएगा, जिसमें कुछ हफ्ते लग सकते हैं, और फिर विमान को वायु सेना को दिया जाएगा।

हर लाइन साल में आठ विमान बना सकती है
एलसीए एमके 1ए के लिए दो उत्पादन लाइनें अभी बेंगलुरु में चल रही हैं और तीसरी लाइन नासिक में अक्टूबर तक शुरू हो सकती है। नासिक लाइन से पहला विमान इस वित्तीय वर्ष में ही तैयार हो जाने की उम्मीद है। हर लाइन साल में आठ विमान बना सकती है। इंजन में देरी होने के बावजूद, ऑर्डर किए गए सभी 83 जेट विमानों की डिलीवरी 2028 की समय सीमा के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि अभी पहला एलसीए एमके 1ए विमान उड़ान परीक्षण कर रहा है और जल्द ही इसमें स्वदेशी हथियारों जैसे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा।

दूसरे उत्पादन विमान का अंडरग्राउंड ट्रायल चल रहा है और चार और विमान बनने के अंतिम चरण में हैं। भारत पहले से ही जीई से बातचीत कर रहा है ताकि जीई 404 इंजन के ऑर्डर में काफी बढ़ोतरी की जा सके। सरकार ने 97 और एलसीए एमके 1ए विमानों के ऑर्डर को मंजूरी दे दी है, जिसके लिए इन इंजनों की जरूरत होगी। ऐसा करने का मकसद है कि समय से पहले ऑर्डर देकर डिलीवरी में देरी न हो।

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