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राज्यसभा: केंद्रीय मंत्री प्रधान समेत एमपी की 5 सीटें इस साल हो रही खाली

 भोपाल

मध्य प्रदेश से राज्यसभा के 5 सदस्यों का कार्यकाल इस साल अप्रैल में पूरा होने जा रहा है। जिसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हैं। प्रधान के अलावा भाजपा के चार और राज्यसभा सदस्य वहीं कांग्रेस के एक सदस्य तीन महीने बाद रिटायर होने जा रहे हैं। इन सभी के रिटायर होने के चलते भाजपा और कांग्रेस से राज्यसभा में जाने के प्रयास करने वाले नेताओं ने अपनी लॉबिंग भोपाल से लेकर दिल्ली तक तेज कर दी है।

चौंकाने वाले नाम आ सकते हैं सामने
भाजपा में पिछले कुछ समय से चुनाव में चौकाने वाले निर्णय ले रही है। दरअसल यह माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के सभी दिग्गज नेता एडजस्ट हो गए हैं, वहीं कुछ बड़े नेता लोकसभा के सदस्य हैं। ऐसे में यही माना जा रहा है कि राज्यसभा के चुनाव में भी वह चौकाने वाले निर्णय लेकर कुछ लो प्रोफाइल नेताओं को राज्यसभा में भेज सकती है।

केंद्रीय मंत्रियों सहित 68 का कार्यकाल हो रहा पूरा
इस साल  नौ केंद्रीय मंत्रियों सहित राज्यसभा के 68 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके मद्देनजर संसद के उच्च सदन में छह साल के कार्यकाल के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं में होड़ शुरू हो गई है। इन 68 रिक्तियों में से दिल्ली की तीन सीटों के लिए पहले ही चुनाव की घोषणा हो चुकी है। आप के संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील कुमार गुप्ता का कार्यकाल 27 जनवरी को पूरा हो रहा है।

अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान समेत इन केंद्रीय मंत्रियों का इस साल कार्यकाल हो रहा है समाप्त
सिक्किम में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए भी चुनाव की घोषणा की गई है जहां सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के सदस्य हिशे लाचुंगपा 23 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित 57 नेताओं का कार्यकाल अप्रैल महीने में पूरा हो रहा है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 10 सीट खाली हो रही हैं।

भाजपा को मिलेंगे 4 पद
दो अप्रैल को जिन पांच सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें भाजपा के धर्मेंद्र प्रधान, कैलाश सोनी, अजय प्रताप सिंह, डॉ. एल मुरूगन और कांग्रेस से राजमणि पटेल शामिल हैं। प्रधन केंद्र सरकार में मंत्री हैं। वहीं डॉ. मुरुगन का कार्यकाल लगभग तीन साल का रहा। थावरचंद गेहलोत द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के बाद राज्यसभा की यह सीट सितम्बर 2021 में खाली हुई थी। जिस पर बाद में डॉ. मुरूगन का निर्वाचन हुआ था। इस बार भाजपा से चार नेता फिर से राज्यसभा में जाएंगे, जबकि कांग्रेस अपने सिर्फ एक ही नेता को राज्यसभा में भेज सकती है।

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