पुलिस चार्जशीट में बुरे फंसे संदीप सिंह, बेडरूम से भी परिचित है पीड़ित, मंत्री बोले केवल ऑफिस आई, पढ़िए ये बड़े खुलासे
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री संदीप सिंह पर खेल मंत्री रहते लगे जूनियर महिला कोच के यौन शोषण के मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में जांच टीम ने कई बड़े खुलासे किए हैं जो संदीप सिंह के खिलाफ हैं. चार्जशीट की मानें तो पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत जो न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपने बयान दिए हैं उस पर वो कायम है. जांच टीम ने आरोपी संदीप सिंह के कई बयानों को गलत करार दिया है.
पीड़ित को थी आरोपी के घर की पूरी जानकारी- चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में अपने पक्ष की पुष्टि की है. अपराध स्थल की पहचान करते समय, पीड़ित मुख्य कार्यालय, संलग्न साइड रूम, बेडरूम और उससे लगे बाथरूम समेत सभी कनेक्टिंग मार्गों से पूरी तरह परिचित थी, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पीड़ित ने उन कमरों का दौरा किया था, जबकि आरोपी ने हवाला दिया था कि पीड़ित केवल उनके मुख्य कार्यालय की केबिन में ही आई थी.
मंत्री के पास एक घंटे ज्यादा रुकी पीड़ित- 2 मार्च 2022 और 1 जुलाई 2022 को अपराध स्थल पर पीड़िता की उपस्थिति की पुष्टि आरोपी ने भी की है. इसके अलावा, उसके ठहरने की अवधि की पुष्टि उबर से प्रदान की गई उसकी यात्रा के विवरण से की गई है. आरोपी ने दावा किया था कि पीड़ित केवल 15 मिनट रुकी थी जबकि उबर के डिटेल से पता चलता है कि पीड़िता अपराध स्थल पर 15 मिनट के बजाय एक घंटे से अधिक समय तक मौजूद थी. यह भी आरोपी के दावों के विपरीत है कि पीड़ित केवल उसके मुख्य कार्यालय में थी, संलग्न केबिन या शयनकक्ष में नहीं. इसके अलावा, आरोपी यह नहीं बता सका कि उसने पीड़िता को आधिकारिक बैठक के समय के बाद, देर शाम के समय उससे मिलने की अनुमति क्यों दी थी.
गवाहों ने भी की पीड़ित के बयान की पुष्टि- चार्जशीट में कई गवाहों ने पुष्टि की है कि पीड़िता ने उन्हें आरोपी द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में बताया था. शिकायतकर्ता के बयान की पुष्टि कुछ गवाहों ने की है, जिन्हें उसने 1.07.23 की घटना के बारे में बताया था. इसके अलावा, सीएफएसएल से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, कुछ चैट/वॉयस रिकॉर्डिंग/कॉल रिकॉर्डिंग मिली हैं, जो इस तथ्य की ओर इशारा करती हैं कि पीड़िता ने कुछ लोगों को यौन उत्पीड़न की घटना के बारे में बताया था.
आरोपी ने पीड़ित से चैट की बात को माना- चार्जशीट के मुताबिक आरोपी इस बात से सहमत था कि उसे दिखाए गए स्नैपचैट चैट (पीड़ित के फोन से जो प्राप्त स्क्रीनशॉट) उसके और पीड़ित के बीच हुई चैट के ही हैं. लेकिन वह तारीख/समय अवधि को साफ तौर पर नहीं बता सका. हालांकि उन्होंने कहा कि वे जून/जुलाई 2022 से पहले की होनी चाहिए. उन्होंने यह भी सहमति व्यक्त की कि कॉल की वॉयस रिकॉर्डिंग उनके और पीड़ित के बीच की है.
राज मित्तन को भेजी चोटिल होने की फोटो- 16.07.22 को राज मित्तन और पीड़िता के बीच कॉल एक्सचेंज हुई है. पीड़ित के फोन से इस फोटो को भी रिट्रीव कर लिया गया है, जिसे पीड़ित ने राज मित्तन को भेजा था. जिसमें पीड़िता के सिर पर पट्टी बंधी है. राज मित्तन के विवरण के मुताबिक पीड़िता ने उसे मंत्री द्वारा यौन उत्पीड़न के बारे में बताया था और अपने घायल सिर की एक तस्वीर भेजी थी. पीड़ित के मुताबिक उसने आरोपी की पकड़ से भागने की कोशिश की तो उसका सिर एक मेज से लग गया था.
खेल विभाग के दस्तावेजों की जांच का भी जिक्र- चार्ज शीट में लिखा गया है कि गवाहों के परीक्षण से पता चला कि पीड़िता ने खेल मंत्री और खेल विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न किये जाने का जिक्र किया था. खेल विभाग के कर्मचारियों की जांच और आधिकारिक रिकॉर्ड के अवलोकन से उनकी नियुक्ति में देरी और पंचकुला से उनके मूल जिले झज्जर में उनके स्थानांतरण में प्रभाव के इस्तेमाल का संकेत मिलता है. पीड़िता के फोन से बरामद स्नैपचैट बातचीत की जांच और अन्य एफएसएल डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि आरोपी ने पीड़िता को हरियाणा ओएसपी पॉलिसी के तहत उसकी नियुक्ति में मदद करने की पेशकश की थी, हालांकि उसने अपनी जांच में इससे इनकार किया है.
तत्कालीन खेल निदेशक के बयान का भी जिक्र- इसके अलावा हरियाणा के तत्कालीन खेल निदेशक आईपीएस पंकज नैन ने भी पुष्टि की है कि आरोपी ने उनसे पीड़ित की पोस्टिंग के लिए फाइल उनके पास भेजने के लिए कहा था. पंकज नैन ने पुष्टि की है कि आरोपी पीड़िता में असामान्य रुचि ले रहा था क्योंकि उसने उचित जिम पोशाक की कमी जैसे कारणों के लिए आरोपी के बारे में 3 बार उनसे शिकायत की थी, जबकि दूसरी ओर आरोपी ने कहा है कि उसने जिम में पीड़िता पर ध्यान नहीं दिया.
मंत्री और पीड़िता एक-दूसरे के नियमित संपर्क में थे- चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता के मोबाइल फोन की जांच के संबंध में सीएफएसएल रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि मंत्री और पीड़िता एक-दूसरे के नियमित संपर्क में थे और उनका रिश्ता पेशेवर बातचीत से परे था. हालांकि आरोपी ने पूछताछ के दौरान जुटाए गए सबूतों के विपरीत, उसके साथ किसी भी तरह के व्यक्तिगत संबंध होने से पूरी तरह इनकार किया है. कुछ गवाहों ने यह भी बताया है कि मंत्री और पीड़िता के बीच करीबी रिश्ता था.
संदीप सिंह के करीबी दोस्त का भी जिक्र- चार्जशीट में लिखा है कि इसके अलावा गुरजिंदर (आरोपी का करीबी दोस्त) और पीड़िता के बीच इंस्टाग्राम चैट से पता चलता है कि पीड़िता ने आरोपी को गुरजिंदर के साथ अपनी चैटिंग के बारे में बताया था और गुरजिंदर की जांच से पता चलता है कि यह जानने पर, आरोपी ने उसे पीड़िता के साथ चैट बंद करने के लिए कहा था. जो फिर से आरोपी और पीड़िता के बीच दोस्ती से परे किसी रिश्ते या भावना की ओर इशारा करता है, जिससे आरोपी ने इनकार किया है.
दोस्त को कहा कि लड़की से बात ना करे- आरोपी ने यह जानते हुए भी झूठ बोला कि इस चैट के स्क्रीनशॉट उसे पीड़िता ने भेजे थे, जिससे पता चलता है कि वह जांच के दौरान ईमानदार नहीं है. इसके अलावा, गुरजिंदर और पीड़ित के बीच बातचीत में उनकी दिलचस्पी और गुरजिंदर का यह खुलासा कि आरोपी ने उन्हें पीड़ित के साथ बातचीत बंद करने के लिए कहा था, यह भी दर्शाता है कि वह पीड़ित में कितनी दिलचस्पी ले रहे थे. इसके अलावा, आरोपी ने ऐसे स्क्रीनशॉट मिलने से साफ इनकार किया है. साथ ही उसने गुरजिंदर को पीड़िता के साथ बातचीत करने से रोकने से इनकार किया और कहा कि उसने केवल उससे कहा था कि वह लड़कियों के साथ अपना समय बर्बाद न करे और अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करे.
गृह मंत्री के नाम से डर गए थे संदीप सिंह- चार्जशीट के मुताबिक 28.12.2022 को पीड़िता वापस पंचकुला ट्रांसफर करने का अनुरोध करने के लिए आरोपी के आवास पर गई थी, जिसे आरोपी ने पहले मना कर दिया लेकिन बाद में जब उसने उसी दिन, गृह मंत्री, हरियाणा से संपर्क करने का प्रयास किया, तो आरोपी ने पीड़ित को व्यक्तिगत रूप से फोन किया. उसने पीड़ित को कहा कि उसे उसकी इच्छानुसार पोस्टिंग मिले जायेगी और उसे घबराने की जरूरत नहीं है.
चार्जशीट में लिखा गया है कि पीड़ित ने अपने सभी बयानों में अपने प्राथमिक आरोप बरकरार रखे हैं और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपने बयान में इसकी पुष्टि भी की है. अपराध स्थल की पहचान करते समय, पीड़िता उस जगह से परिचित थी और प्रमुख स्थानों की ओर इशारा किया. मुख्य गवाहों ने भी पाड़ित के बयानों की पुष्टि की है कि घटना के तुरंत बाद, उसने आरोपी द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में उन्हें बताया था. एफएसएल जांच आरोपी और पीड़ित के बीच एक अनौपचारिक संबंध की ओर इशारा करती है.