
नए ट्यूबवेल कनेक्शन पर झटका: प्राथमिकता के आधार पर ही नए आवेदक किसानों को कनेक्शन देगी सरकार
टीम एक्शन इंडिया/चंडीगढ़
हरियाणा में नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले किसानों को सरकार ने झटका दिया है। राज्य में गिरते भू जल स्तर को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर ही नए आवेदक किसानों को कनेक्शन सरकार देगी। इसका खुलासा विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और उपलब्ध पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को ओपन ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है।
80428 किसानों ने किया आवेदन: हरियाणा में नए कनेक्शन लेने के लिए 80,428 किसानों ने आवेदन किया है। यह आवेदन 2014 से लेकर अब तक किए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2018 में आवेदन किए हुए टयूबवेल कनेक्शनों में से 4412 कनेक्शन बकाया है, इन कनेक्शनों को तुरंत दिया जाएगा। वर्ष 2023-24 में इन कनेक्शनों से अगले कनेक्शनों को देने के लिए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे।
राइट टू सर्विस में नहीं आएगी सेवा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाना संभव नहीं है। क्योंकि ट्यूबवेल कनेक्शन में तीन घटक होते हैं, पहला प्राकृतिक, दूसरा पानी की उपलब्धता और तीसरा बजट। इन तीनों वजह के कारण सरकार इसको राइट टू सर्विस के दायरे में नहीं ला सकती।
जहां पानी कम, वहां नहीं मिलेगा कनेक्शन: सीएम ने विधानसभा में कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है, वहां ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है। केवल सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को कनेक्शन दिए जाएंगे। 50 हॉर्स पावर से अधिक के कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। 10 एचपी तक के लिए सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे।
सरकार दे रही 6 हजार करोड़ सब्सिडी: विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 टयूबवेल कनेक्शन पर सरकार की ओर से 1 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में 6 लाख टयूबवेल विधिवत चल रहे हैं और सरकार किसानों को लगभग 6 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी सरकार दे रही है।