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घालूवाल गोलीकांड मामले में छह लोग चढ़े पुलिस के हत्थे
टीम एक्शन इंडिया/ऊना/राजन पुरी
थाना हरोली के तहत पड़ते गांव घालुवाल में 31 अक्टूबर की रात गाड़ी पर फायरिंग करने के मामले को लेकर पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को सलाखों के पीछे धकेल में सफलता हासिल की है। इनमें गाड़ी पर गोलियां चलाने वाले दो शूटर भी शामिल हैं, जिन्हें पंजाब के कपूरथला से संबंधित बताया गया है। इस घटना का मुख्य मास्टरमाइंड ऊना के बाथू का निवासी अरुण उर्फ मनी राणा को माना जा रहा है, जो पिछले 11 साल से पंजाब की लुधियाना स्थित सेंट्रल जेल में बंद चल रहा है। इसी आरोपी ने इस गोलीकांड को अंजाम देने के लिए अलग-अलग टीमों को अलग-अलग काम दिए। हैरानी की बात यह है कि ये सभी टीमें आपस में एक दूसरे को बिल्कुल नहीं जानती। इस घटना से जिला के युवाओं की उत्तर भारत के विभिन्न गैंगस्टर्स के साथ सांठगांठ होने की भी परतें खुलने लगी है।
पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने इस पूरी घटना का खुलासा करते हुए बताया कि फिरौती मांगने को लेकर यह वारदात हुई है, जिसे हत्या सहित कई मामलों के चलते पंजाब की सेंट्रल जेल में बंद चल रहे जिला ऊना के ही बाथू निवासी अरुण उर्फ मनी राणा ने रचा है और कई टीमों के माध्यम से इसे अंजाम भी दिया।
मनी राणा ने जिला के कारोबारी से फिरौती के रूप में पैसे मांगे थे, लेकिन पैसे नहीं देने की सूरत में उस पर जानलेवा हमला करवाते हुए गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलवा दी गई। इस घटना में एक युवक भी घायल हुआ था। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश के दौरान कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए इस मामले को सुलझाया और छह लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस ने इस घटना से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ उनको लाने और ले जाने में इस्तेमाल किए गए वाहनों और यहां तक की फायरिंग में इस्तेमाल किए गए पिस्तौल सहित चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में शामिल कई युवा गैंगस्टर्स के संपर्क में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देना अपने आप में चिंताजनक विषय है, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संगठित अपराध के खिलाफ एक ठोस कानून होना आवश्यक है और पुलिस सरकार के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में भी है। ताकि आने वाले समय में इस प्रकार के अपराधियों पर आसानी से शिकंजा कसा जा सके।