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हरियाणा में बाढ़ प्रभावितों के लिए थोड़ी राहत, यमुना समेत सभी नदियों का जल स्तर स्थिर, इन 3 जिलों पर संकट बरकरार

चंडीगढ़: मानसून की बारिश के बाद हरियाणा में आई बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है. पहाड़ी इलाकों में लगातार भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं की वजह से तराई के इलाकों में जलभराव का खतरा बना हुआ है. हिमाचल और उत्तराखंड में हो रही बारिश के चलते हरियाणा के कई जिलों में भी बाढ़ आई हुई है. अंबाला समेत पानीपत के करीब 40 किलोमीटर इलाके में हाई अलर्ट घोषत किया गया है.

यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज में पानी का स्तर फिलहाल स्थिर बना हुआ है. बैराज से अभी 60 हजार क्यूसेक पानी निकल रहा है, जिसमें से 43 हजार क्यूसेक दिल्ली की तरफ यमुना में जा रहा है, और बाकी नहरों में छोड़ा जा रहा है. हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की वजह से जल स्तर बढ़ने का खतरा हलांकि बना हुआ है.

फतेहाबाद में कई गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं.

शनिवार को हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर ढाई लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था. वहीं एक लाख क्यूसेक पानी होने पर बैराज के सभी गेट खोल दिए गए थे. जिसके बाद यमुना से सटे जिलों में हाई अलर्ट कर दिया गया था और लोगों को यमुना की तरफ ना जाने की हिदायत दी गई थी. यमुना से सटे इलाकों में गश्त भी बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की कोई जानमाल की हानि ना हो. शनिवार को बैराज से निकले पानी की वजह से दिल्ली में भी जलस्तर बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है.

अंबाला में हालात सबसे खराब- इस सबके बीच हरियाणा के सबसे प्रभावित जिले अंबाला में फिर से जलभराव की स्थिति बनती जा रही है. अंबाला से होकर निकलने वाली मार्कंडेय नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर है. जिसकी वजह से लोगों को इससे दूर रहने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही टांगरी नदी भी उफान पर है. रविवार तक तीन गांवों में पानी भर गया था.

अंबाला में टांगरी नदी उफान पर है.

इसके साथ ही जलभराव की वजह से प्रभावित हुए नग्गल, खैरा और नाड़ीयाली गांव में किसानों के खेतों में फिर से पानी भर गया. इन तीनों गांव में किसानों ने जलभराव कम होने के बाद फिर से धन की रोपाई की थी लेकिन फिर से पानी भरने से उनकी फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है. हालांकि अब मार्कंडेय और टांगरी नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिससे प्रशासन भी राहत की सांस ले रहा है.

पंचकूला में घग्गर का खतरा- इधर पंचकूला से होकर निकलने वाली घग्गर नदी का जलस्तर भी अभी सामान्य बना हुआ है. लेकिन पहाड़ी इलाकों में अगर फिर से बारिश होती है तो इसका जलस्तर फिर से बढ़ सकता है. प्रशासन के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन के लोगों की लगातार घग्गर के आसपास के इलाकों में गश्त जारी है. शनिवार को हुई बारिश के बाद घग्गर का जलस्तर बढ़ गया था, जिससे इससे सटे इलाकों में फिर से जलभराव की आशंका बनी हुई थी.

फतेहाबाद में डूबे कई गांव- घग्गर में जल स्तर बढ़ने से फतेहाबाद, सिरसा जिले में फिर से हालात खराब होते नजर आ रहे हैं. हालांकि अभी सिरसा में हालात काबू में हैं. प्रशान लगातार घग्गर के जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं. सिरसा में घग्गर का जलस्तर अभी 60 हजार क्यूसेक है जबकि उसकी कैपेसिटी 35 हजार क्यूसेक है. यानि 25 हजार क्यूसेक पानी अभी भी प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है. एक जगह चामाल में बांध टूटने की वजह से सिरसा में हालात खराब हो गए थे, जिस पर प्रशासन लगातार काम कर रहा है.

निचले इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है.

इधर फतेहाबाद में भी हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं, फतेहाबाद और इसके आसपास के इलाकों में जलस्तर कम हो रहा है. हालांकि शनिवार को इन इलाकों में फिर से जलभराव की आशंका बन गई थी. लेकिन अब धीरे-धीरे जलस्तर कम होने की वजह से प्रशासन भी राहत की सांस ले रहा है. प्रशासन हालात से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर है. मौसम विभाग ने पूरे हरियाणा में अगले तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.

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