राजनीतिक

तरुण चुघ ने कहा- ममता बनर्जी ने जानबूझकर कोलकाता रेप कांड मामले की जांच को बाधित किया

चंडीगढ़
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि उनकी पुलिस द्वारा आरजी कर हॉस्पिटल में हुए रेप और मर्डर केस में एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटें का विलंब क्यों हुआ था। टीएमसी सरकार किसी ना किसी तरह से जांच को बाधित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस की चार्जशीट से पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों गायब है? मुख्यमंत्री ने अपने चहेते कोलकाता पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को बचाने के लिए जांच में बाधा डाली और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की।

तरुण चुघ ने कहा, ''भाजपा की मांग है कि ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर का पॉलिग्राफी टेस्ट हो। ममता बनर्जी, पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिसिंपल संदीप घोष के कॉल रिकॉर्ड की जांच कर सार्वजनिक की जाए, ताकि पीड़िता और उसके परिवार को न्‍याय मिल सके और देश के सामने सारी सच्चाई आ सके।''

उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री के पूरे मामले में जांच को बाधित करने और सच को छुपाने का प्रयास अपने आप में "एक आपराधिक कृत्य" है, जिसने पूरे देश के डॉक्टरों और बंगाल के लोगों को आक्रोशित कर दिया है। पश्चिम बंगाल समेत देश की जनता संविधान और न्याय के रक्षक के रूप में लड़ाई लड़ रही है, तो वहीं 'निर्ममता बनर्जी' भक्षक बनी हुई हैं, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री होने के साथ ही गृह मंत्री और प्रदेश की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी हैं। ममता बनर्जी को अपने इस कुकृत्य की ज़िम्मेदारी लेते हुए तत्काल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि इस केस की निष्पक्ष जांच हो सके।

अगर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मामले की बात करें तो जांच जारी है। वहीं, मंगलवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान महिला अधिवक्ताओं के एक समूह ने संदीप घोष के खिलाफ कोर्ट रूम के बाहर प्रदर्शन किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने संदीप घोष को फांसी की सजा देने की मांग तक कर डाली।

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