मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की मीटिंग का किया बहिष्कार, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार करेंगे. यह बहिष्कार वह केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में करेंगे. इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानते तो लोग न्याय के लिए कहां जाएं. उन्होंने मांग की है कि प्रधानमंत्री गैर भाजपा सरकारों के काम करने दें.
चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि “पीएम सर, कल नीति आयोग की मीटिंग है. नीति आयोग के उद्देश्य है भारतवर्ष का विजन तैयार करने के साथ सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना. पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया, तोड़ा या काम नहीं करने दिया जा रहा है. ये न ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और न ही सहकारी संघवाद. पिछले कुछ वर्षों से देशभर में एक संदेश दिया जा रहा है- यदि किसी राज्य में लोगों ने गैर भाजपा पार्टी की सरकार बनाई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि या तो गैर भाजपा सरकार को विधायक खरीदकर गिरा दिया जाता है, या उसे ईडी, CBI का डर दिखाकर विधायक तोड़कर सरकार को गिरा दिया जाता है. इसके अतिरिक्त अगर किसी पार्टी के विधायक न बिके और न टूटे तो अध्यादेश लागू करके या गवर्नर के जरिए उस सरकार को काम नहीं करने दिया जाता. आठ साल की लड़ाई के बाद दिल्ली वालों ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जीती और उन्हें न्याय मिला, लेकिन मात्र आठ दिन में अध्यादेश पारित करके सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया. आगे पत्र में लिखा है कि जब इस तरह संविधान और जनतंत्र की अवहेलना की जा रही है तो नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता.