हमीरपुर जिले की खड्डों में मछलियों का बीज डालने की प्रक्रिया हुई शुरू, मत्स्य रोजगार से जुड़े लोगों को होगा फायदा
हमीरपुर: मत्स्य विभाग द्वारा हमीरपुर जिला के खड्डों, नदी और नालों में मछलियों का बीज डालने की प्रक्रिया हुई शुरू की जा रही है. मत्स्य विभाग के जिला अधिकारी अजय कुलदीप शर्मा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बड़सर उपमंडल की मान खड्ड, सीर खड्ड, कुनाह खड्ड और अन्य नदी, नालों में रोहू, कत्तला मृगल किस्म की मछलियों का बीज डाला जा रहा है. ताकि मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों को घर द्वार पर ही रोजगार के साधन सृजित हों सकें.
बता दें कि हमीरपुर जिला के विभिन्न खड्डों, नदी, नालों में मछलियां पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है. ऐसे में मत्स्य विभाग द्वारा इन दिनों में खड्डों, नदी और नालों में मछली का बीज डाला जा रहा है. हमीरपुर मत्स्य विभाग के जिला अधिकारी अजय कुलदीप शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा रिवर एंड अचीवर एक उपक्रम है. जिसके तहत मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा. रोहू, कत्तला, मृगल सहित अन्य किस्म की मछलियों के बीज हमीरपुर जिला के नदी, नालों और खड्डों में डाले जा रहा है.
उन्होंने कहा 2 लाख 40 हजार मछली के बीजों को खड्डों, नदी और नालों में डाला जा रहा है. ताकि मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर मिल सके. 2020 में पीएम मोदी ने मत्स्य संपदा योजना शुरू की थी. ताकि, मछुआरों को लाभ मिल सके और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. जो युवा बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे हैं, उनके लिए मत्स्य पालन रोजगार का एक अहम साधन है. इस उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ीसा से इस प्रोग्राम को शुरू किया था.
उन्होंने बताया कि हमीरपुर जिला में जितनी भी सहायक नदियां और खड्डे हैं, उनमें मछली पालन के लिए बेहतरीन पानी की सुविधा है. जिससे मछलियों की ग्रोथ में बढ़ावा होगा. वहीं, जिला मत्स्य अधिकारी अजय कुलदीप शर्मा ने बताया कि जो लोग खड्डों में अवैध मछली का शिकार करते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ मत्स्य विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जिसमें सजा का प्रावधान भी किया गया है. इसके अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा.