मोदी सरकार ने देश में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर्स और सर्वर्स के इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है. ये बैन 1 नवंबर से लागू होना है. इस बैन से इन इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतें बढ़ने की आशंका पर अब सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है. इसके हिसाब से इंपोर्ट पर ये प्रतिबंध असल में कंप्लीट बैन नहीं होगा, बल्कि कुछ कैटेगरी के लोगों को अब भी ये प्रोडक्ट आयात करने की छूट मिलेगी.
मोदी सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान और गैजेट्स की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. इसके लिए ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई जैसी कई स्कीम भी सरकार ने शुरू की है. हालांकि इंफार्मेशन टेक्नालॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि बैन के बाद भी इन प्रोडक्ट्स की कीमतों बढ़ेंगी नहीं.
इनको मिलेगी इंपोर्ट की छूट
डॉयरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने बैन को लेकर स्पष्टीकरण दिया है कि HSN 8471 के तहत कुछ लैपटॉप, टैबलेट, कंप्यूटर्स और अन्य सामान के इंपोर्ट पर 1 नवंबर 2023 से बैन लगाया गया है. इसके बाद देश में किसी को भी बिना लाइसेंस के इन प्रोडक्ट्स को इंपोर्ट करने की अनुमति नहीं होगी. बिना लाइसेंस इंपोर्ट किए जाने वाले कंसाइनमेंट को आखिरी मंजूरी 31 अक्टूबर 2023 तक ही दी जाएगी.
सरकार की ओर से साफ किया गया है कि 1 नवंबर 2023 के बाद इन प्रतिबंधित सामान के इंपोर्ट के लिए वैध लाइसेंस की जरूरत होगी. वहीं बैगेज रूल्स के तहत इन सामानों के इंपोर्ट पर कोई रोक नहीं है. यानी कंपनियां और ट्रेडर्स इन सामानों का आयात कर सकते हैं.
5 मिनट में मिलेगा लाइसेंस
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि इन आयात के लिए अनिवार्य लाइसेंस ऑनलाइन मिल जाएगा. इस लाइसेंस को जारी होने में बस 5 मिनट का वक्त मिलेगा. डीजीएफटी के पोर्टल पर लाइसेंस की सुविधा पहले से ऑनलाइन चालू है.
मोदी सरकार चाहती है कि इस इंपोर्ट बैन से मार्केट में जो गैप पैदा हो, उसे भारतीय कंपनियां तेजी से भरें. अप्रैल-जून 2023 में 19.7 अरब डॉलर मूल्य के लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर देश में आयात किए गए.