भारतीय न्याय संहिता के विषय में दिया गया प्रशिक्षण
टीम एक्शन इंडिया
राजकुमार प्रिंस
करनाल। आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रबीना पी की अध्यक्षता में डा.मंगलसेन आडोटोरियम में अनुसंधान अधिकारीयों को भारतीय न्याय संहिता के विषय में प्रशिक्षण देने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमीनार में पीएसआई पवन कुमार और पीएसआई रणदीप सिंह द्वारा बताया गया कि अब हत्या के लिए 302 भादस की जगह 103 भान्यासं, हत्या के प्रयास की धारा 307 भादस की जगह 109 भान्यासं, धमकी देना धारा 506 भादस की जगह 351 भान्यासं, किसी से ठगी करना धारा 420 भादस का स्थान अब धारा 318 भान्यासं ने ले लिया है।
उन्होंने बताया कि नए कानून में ई-एफआईआर या इलैक्ट्रोनिक एफआईआर मेल द्वारा दर्ज करवा सकते हैं। नए कानून में काम्युनिटी सर्विस के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा अपने कार्य की विडियो रिकार्डिंग की जाएगी। नए कानून के तहत अनुसंधान अधिकारी को गवाही के लिए न्यायालय में नहीं जाना पड़ेगा, विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही उनकी गवाही हो जाएगी। इससे पुलिस के कार्य में पारदर्शिता आएगी व कोर्ट की कार्यवाही तेजी आएगी, जिससे जनता को न्याय शीघ्र व सुगम प्राप्त होगा।