राष्ट्रीय

पुलवामा में आतंकवाद रोधी कानून के तहत दो मकान कुर्क

पुलवामा में आतंकवाद रोधी कानून के तहत दो मकान कुर्क

श्रीनगर
 राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकवाद से संबंधित मामले की जांच के सिलसिले में जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को दो संपत्तियां कुर्क कीं। अधिकारियों ने यहां बताया कि एनआईए अधिकारियों ने जिले में अवंतीपुरा इलाके के चुर्सू में दो संपत्तियों को कुर्क करने का नोटिस चिपकाया है।

नोटिस में लिखा, ''आम जनता को सूचित किया जाता है कि पुलवामा जिले में अवंतीपुरा के चुर्सू गांव में सर्वेक्षण संख्या 722, 723 और 724 के तहत दो मंजिला एक आवासीय मकान और एक मंजिला आवासीय मकान को माननीय एमए 4 विशेष अदालत के आदेश द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत कुर्क किया जाता है जिसके मालिक संयुक्त रूप से चुर्सू के खुर्शीद अहमद भट, खुर्शीद आलम भट और उनके पांच भाई हैं।''

उत्तर प्रदेश: दुष्कर्म के दो दोषियों को 25-25 वर्ष का कारावास

प्रतापगढ़
 उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की अपर जिला एवं सत्र अदालत ने एक किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में दो लोगों को दोषी करार देते हुए 25-25 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार पांडेय ने बृहस्पतिवार को बताया कि कंधई थाना क्षेत्र के एक गांव में 23 जुलाई 2021 की सुबह 15 वर्षीय एक लड़की अपने घर से लापता हो गयी थी।

उन्होंने बताया कि तलाश में पता चला कि लड़की को अजय कुमार वर्मा और कर्म सिंह नामक व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। बाद में पुलिस ने दबिश देकर किशोरी को उनके चंगुल से मुक्त करा लिया था।

उन्होंने बताया कि लड़की ने अपने बयान में कहा था कि घटना वाले दिन अजय और कर्म सिंह उसे जान से मारने की धमकी देकर जबरन अपने साथ ले गये थे और उसे एक स्थान पर छह महीने तक रखा। इस दौरान अजय ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गयी। इस कृत्य में कर्म सिंह ने अजय की मदद की।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) आलोक द्विवेदी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले के दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए बुधवार को 25-25 साल की कैद और 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।

ओडिशा ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल प्रतिबंधित करने के लिए एस्मा लगाया

भुवनेश्वर
 ओडिशा सरकार ने उड़ीसा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कर नर्स, फार्मासिस्ट, तकनीशियनों, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है, ताकि सुचारू चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि एस्मा लागू करने और हड़ताल पर रोक लगाने का आदेश छह दिसंबर से अगले छह महीने तक लागू रहेगा।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ''जरूरतमंदों को सुचारू स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य में चिकित्सा सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों (संविदा कर्मचारियों सहित) की हड़ताल पर ओडिशा सरकार ने रोक लगा दी है।''

गृह (विशेष अनुभाग) विभाग द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया, ''सरकारी अस्पतालों और औषधालयों में चिकित्सा सेवाओं से जुड़े संविदा कर्मचारियों सहित नर्स, फार्मासिस्ट, पैरामेडिक्स, तकनीशियनों और अन्य तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाना आवश्यक है। इसमें सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त अन्य स्वायत्त स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं।

 

 

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