उदेशीपुर गांव के ग्रामीण पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे
टीम एक्शन इंडिया
गन्नौर : उपमंडल के गांव उदेशीपुर में पेयजल समस्या के चलते ग्रामीणों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव में पेयजल की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। ग्रामीण समस्या के समाधान के लिए प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। महिलाओं को गर्मी के चलते दूर-दूर से पानी भरने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
महिलाओं को घंटों जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही जलआपूर्ति के लिए इंतजार करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक सरकारी ट्यूबवैल लगा है जो पूरे गांव में पानी सप्लाई देता है। गांव का जो क्षेत्र ऊंचाई पर है, वहां पर ग्रामीणों को पानी की सप्लाई नहीं हो पाती। पानी की समस्या के चलते उन्हें पशुओं के लिए भी पीने का पानी व चारे का बंदोबस्त करने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्हें पड़ोस में लगे प्राईवेट पंप से पानी भर के लाना पड़ता है।
रात एक बजे होती है सप्लाई ग्रामीण प्रकाशी, सुमन, पिंकी आदि ने बताया कि गांव में रात एक बजे पानी की सप्लाई की जाती है। जिस वजह से उन्हें आधी रात तक जागना पड़ता है। वहीं जिन घरों में पानी की सप्लाई नहीं पहुंच पाती उन्हें ईंट भट्ठों से पानी भर कर लाना पड़ता है।
ट्यूबवैल का पानी भी खराब
ग्रामीण सज्जन कुमार ने बताया कि गांव में पहले एक और सरकारी ट्यूबवैल था जो ठप्प पड़ गया था। अब एक ही ट्यूबवैल बचा है। इसमें पहले स्वच्छ पानी आता था, लेकिन अब यहां से भी दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। जिस वजह से घरों में आरओ या बाहर से पीने का पानी खरीदा जा रहा है।
एक और ट्यूबवैल लगवाने की करी मांग
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक ट्यूबवैल से गुजारा नहीं हो रहा है। वह बार-बार जनस्वास्थ्य विभाग से एक और ट्यूबवैल लगवाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने एसडीएम से गांव के एक और सरकारी ट्यूबवैल लगवाने की मांग की है ताकि सभी ग्रामीणों को पीने का साफ पानी उपलब्ध हो सके।
एसडीएम लेंगे संज्ञान
एसडीएम डा. निर्मल नागर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गांव की तरफ से उनके पास लिखित में कोई समस्या नहीं आई है, लेकिन यदि ऐसी समस्या है तो वह इस पर संज्ञान लेंगे। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बुला कर उनसे इस बारे में जानकारी लेंगे और सुनिश्चि करेंगे कि गांव में एक और ट्यूबवैल लग सके।