खेल-खिलाड़ी

वीरेंद्र सहवाग ने रोहित शर्मा के इस फैसले की सराहना की, लेकिन उनके रिटायरमेंट के पीछे की थ्योरी भी बताई

नई दिल्ली
रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया था। रोहित शर्मा ने महज एक इंस्टा स्टोरी के जरिए रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। हालांकि, वे वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलना जारी रखेंगे। वे टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से पहले ही रिटायर हो चुके हैं। उधर, पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने रोहित शर्मा के इस फैसले की सराहना की, लेकिन उनके रिटायरमेंट के पीछे की थ्योरी भी बताई। सहवाग का मानना है कि सिलेक्टर्स ने उनको ऑफर दिया होगा कि वे खेल सकते हैं, लेकिन बतौर कप्तान नहीं।

क्रिकबज पर बात करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा, "यह अद्भुत है, क्योंकि मैंने भी ऐसी बातें सुनी थीं- जैसे कि वह इंग्लैंड दौरे की तैयारी कैसे कर रहे थे, या ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान जब उन्होंने आखिरी टेस्ट मैच नहीं खेला था, तो वह कह रहे थे, 'मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं यहीं हूं। ऐसा दिखावा मत करो कि मैं रिटायर हो गया हूं।' लेकिन इस दौरान क्या हुआ होगा? जो हुआ होगा वह शायद यह है: जब चयनकर्ताओं ने अपना फैसला लिया- शायद उन्होंने सोचा, 'हम रोहित शर्मा को टेस्ट कप्तान के रूप में घोषित नहीं करेंगे,' या शायद, 'हम उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए खिलाड़ी के रूप में भी नहीं लेंगे'। मुझे यकीन है कि चयनकर्ताओं ने उनसे बात की होगी, उन्हें बताया होगा कि वे क्या सोच रहे थे और फिर उन्हें कुछ विकल्प दिए होंगे। यही कारण है कि टीम की घोषणा से पहले-कुछ और सार्वजनिक होने से पहले-रोहित शर्मा ने अपने संन्यास की घोषणा कर दी। यह एक अच्छा संकेत है।"

सहवाग ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड तोड़ने के लिए रोहित की प्रशंसा की और उन्हें एक एंटरटेनिंग प्लेयर बताया। उन्होंने कहा, "ऐसा कौन है, जो रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी को मिस नहीं करेगा? चाहे टेस्ट क्रिकेट हो, वनडे क्रिकेट हो या टी20 क्रिकेट, उन्होंने हमेशा भरपूर मनोरंजन दिया। प्रशंसकों ने उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ़ उठाया और उन्होंने जो रिकॉर्ड बनाए हैं, वे लाजवाब हैं। हां, हमेशा यह अहसास होता है कि वह थोड़ा और खेल सकते थे। वह 100 टेस्ट मैच तक पहुंच सकते थे और केवल कुछ ही बेहतरीन खिलाड़ी उस मुकाम तक पहुंच पाए हैं, लेकिन उन्होंने अपना फैसला ले लिया है और यह ठीक है। उनका करियर बिल्कुल शानदार रहा है। उन्हें कोई पछतावा नहीं होना चाहिए। उन्होंने मध्यक्रम में शुरुआत की और ओपनर के तौर पर संन्यास लिया। उनकी उपलब्धियां बहुत हैं। इसलिए मैं कहूंगा-रोहित, आपकी सेवा के लिए धन्यवाद और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।"

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