भरतपुर के कुंवर विश्वेंद्र सिंह पर पत्नी-बेटे का पलटवार, सबकुछ बेच दिया अब मोती महल को नहीं बिकने देंगे
भरतपुर.
भरतपुर के राजपरिवार का प्रॉपर्टी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह के लगाए अत्याचार के आरोपों पर अब उनकी पत्नी और बेटे खुलकर सामने आए। मां-बेटे ने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वो सरासर गलत हैं। पूरी तरह से बकवास हैं। इतना ही नहीं विश्वेंद्र सिंह की पत्नी ने दिव्या सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि तीन साल से मैं चुप हूं, अगर मैंने मुंह खोला तो बात सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी।
वहीं, बेटे अनिरुद्ध ने भी पिता के आरोपों पर पलटवार करते हुए कि उन्होंने घर के कारपेट तक बचे दिए हैं, अब चाहे कुछ भी हो जाए हम मोती महल बिकने नहीं देंगे। मोती महल मां दिव्या रानी के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है। पिता ने फर्जी सिग्नेचर कराकर सारी प्रॉपर्टी पहले ही बेच दी है, अब एक मोती महल बचा है इसे भी बेचना चाहते हैं
ये है मामला
पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे पर अत्याचार करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि उनको घर से निकाल दिया गया है। उनको भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता है। इन आरोपों के साथ विश्वेंद्र सिंह ने एक प्रार्थना पत्र उपखंड अधिकारी भरतपुर को दिया था। इस पत्र में उन्होंने हर महीने पांच लाख रुपये भरण पोषण के लिए दिलाने की बात भी कही गई थी। ये पत्र उन्होंने बीते मार्च में दिया था, लेकिन मामले का खुलासा अब हुआ है। इसके बाद से ही सारा विवाद शुरू हो गया है। बेटे अनिरुद्ध सिंह ने पिता की बातों को झूठा बताते हुए कहा कि वो सिर्फ उन्हें और उनकी मां को बदनाम कर रहे हैं। अनिरुद्ध ने पिता पर ही प्रॉपर्टी बेचने के आरोप लगाए। अनिरुद्ध ने कहा कि पिता विरासत बेच रहे हैं। 1995 के बाद से लगातार प्रॉपर्टी बेची गई है।
वहीं, पत्नी दिव्या सिंह ने कहा कि इस मामले में अब जब एसडीएम निष्कर्ष पर पहुंच चुके हैं, तो उन्होंने मीडिया में यह प्रकरण लीक किया है। उन्होंने कहा मेरे साथ 33 साल से अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुश्तैनी जायदाद की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।