अन्य राज्यछत्तीसगढ़

इनफर्टिलिटी से 9 साल से परेशान महिला ने दिया जुड़वा बच्चों को जन्म, रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में किया दुर्लभ केस का इलाज

रायपुर।

रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने 30 वर्षीय महिला को गर्भाशय की दुर्लभ एंडोवैस्कुलर बीमारी एवी मालफॉर्मेशन नामक समस्या से निजात दिलाई है। महिला को 9 साल से इनफर्टिलिटी की समस्या थी। इस दौरान महिला को कई महीनों से अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या हो रही थी, जिसके कारण उसका हीमोग्लोबिन काफी कम हो गया था।

रेडियोलॉजी विभाग में डॉ. पात्रे के नेतृत्व में बिना सर्जिकल प्रक्रिया के गर्भाशय धमनी एम्बोलाइज़ेशन प्रक्रिया के द्वारा एवीएम में असामान्य रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर दिया गया। इस प्रक्रिया के आठ महीने बाद महिला गर्भवती हो गई और उसने दो (जुड़वां) स्वस्थ्य बच्चों को जन्म दिया है। डॉ. विवेक पात्रे के अनुसार, बच्चेदानी का एवी मालफार्मेशन बहुत दुर्लभ होता है। सक्ति जिला की रहने वाली मरीज को बिलासपुर से अम्बेडकर अस्पताल रिफर किया गया। यहां जांच के दौरान मरीज को एवी मालफार्मेशन की समस्या है,जिसके लिए उन्होंने रेडियोलॉजी विभाग में डॉ. विवेक पात्रे के पास भेजा। डॉ. पात्रे ने मरीज की कलर डॉप्लर सिटी स्कैन और इसके बाद एमआरआई की जिसमें इस बीमारी का सटीक पता चला। कमर के नीचे बेहोश करके दाहिने जांघ के फिमोरल आर्टरी में एक पतली सी तार और कैथेटर डालकर पिन होल तकनीक से एवी मालफॉर्मेशन को खून सप्लाई करने वाली बायीं और दायीं धमनी को एम्बोलिक एजेंट डालकर बंद कर दिया गया। इससे  मालफॉर्मेशन में खून का बहाव रुक गया।

जानें क्या है एवी मालफॉर्मेशन
गर्भाशय धमनीविस्फार विकृति (एवीएम) रक्त वाहिकाओं की एक असामान्य उलझन है जो पक्षी के घोंसले की तरह दिखती है। यह भारी और कभी-कभी जीवन-घातक योनि रक्तस्राव का एक दुर्लभ कारण है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह गर्भाशय की धमनी और शिरापरक परिसंचरण प्रणालियों के बीच एक असामान्य संबंध है।

गर्भाशय धमनी एम्बोलाइज़ेशन (यूएई)
एंडोवैस्कुलर गर्भाशय धमनी एम्बोलाइज़ेशन (यूएई) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें छोटे कणों या एम्बोलिक एजेंट (रेत के दाने के आकार के) को गर्भाशय की ओर जाने वाली रक्त वाहिकाओं में इंजेक्ट किया जाता है। कण वांछित स्थान में रक्त प्रवाह को रोकते हैं और इसे सिकोड़ते हैं। इस तकनीक से यूटेराइन फाइब्रॉएड को भी कम कर सकते हैं। साथ ही साथ पोस्ट पार्टेम हेमरेज से बचाव कर सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button