महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में जन्माष्टमी के अवसर पर हुए दही हांडी अलग-अलग कार्यक्रमों में 195 गोविंदाओं के घायल होने की खबर सामने आई है। इससे पहले गुरुवार को बीएमसी ने जानकारी दी थी कि जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी का जश्न मनाते समय अलग-अलग घटनाओं में 35 गोविंदा घायल हो गए थे। कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कई अस्पताल में भर्ती
बीएमसी ने कहा है कि मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित दही हांडी के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 195 गोविंदा घायल हो गए। इनमें से 18 को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 177 अन्य को छुट्टी दे दी गई। एएनआई के मुताबिक, चार गोविंदाओं को गंभीर चोटें आई जबकि 22 का इलाज चल रहा है।
कैसे मनाई जाती है दही हांडी?
दही हांडी जन्माष्टमी पर होने वाला प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम है। दही हांडी को मिट्टी के बर्तन में दही, मक्खन और अन्य दूध उत्पादों से भरकर मनाया जाता है। लोगों का एक समूह मटके तक पहुंचने के लिए एक मानव पिरामिड बनाता है और उसे तोड़ता है। यह परंपरा भगवान कृष्ण की चंचलता और मासूमियत और मक्खन और दही के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है।