अन्य राज्यछत्तीसगढ़

तिरंगे में सजा बस्तर का शेर, बलिदानी रंजीत को नम आंखों से दी विदाई

जगदलपुर

बस्तर जिले के बालेंगा के उपयगुड़ा में रहने वाले रंजीत कश्यप तीन दिन पहले मणिपुर में उग्रवादियों के साथ हुए हमले में बलिदान हो गए थे। सोमवार की सुबह जवान का पार्थिव देह जैसे ही गांव पहुंची, हर किसी के आखों से आंसू आ गए, बड़े, बच्चे से लेकर बुजुर्ग की आंखें नम हो गई।

रंजीत के साथ गुजारे समय के साथ ही उसके साथ बैठकर की गई बातों को याद कर भावुक हो जा रहे थे। गांव में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, इस दौरान बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल के साथ ही वन मंत्री केदार कश्यप भी जवान के घर पहुंचे, जहां रंजीत को नम आंखों से विदाई दी गई।

बता दें कि जब से रंजीत के घर में इस बात का पता चला कि उग्रवादियों के साथ हुए हमले में रंजीत कश्यप शहीद हो गए। घर के साथ ही पूरे गांव में मातम छा गया। तीन दिन से परिवार से लेकर दोस्त आदि रंजीत के पार्थिव देह को देखने के लिए दिन-रात मौजूद रहे। सोमवार को जैसे ही जवान का पार्थिव देह जगदलपुर एयरपोर्ट से गृहग्राम बालेंगा पहुंचा।

लोगों के द्वारा उसके अंतिम दर्शन करने के लिए जमा हो गए। परिवार के साथ ही पूरे गांव में सब की आंखे नम थी, वहीं जवान रंजीत की तीन बेटियां भी इस बात को समझ नहीं पा रही थी कि आखिर घर में क्या चल रहा है। रंजीत की पत्नी एक बार अपने पति के देह को देखती तो एक बार अपने बच्चो को निहारती, उसे समझ ही नहीं पा रहा है कि अब इन 3 मासूम बच्चियों को कैसे समझाएगी की उनके पिता अब इस दुनिया में दोबारा नहीं आ पाएंगे।

वहीं पिता अपने बेटे के शव को देखने के बाद इस चिता में डूब गए कि आखिर उनका एकलौता बेटे के जाने के बाद इन बुजुर्ग का सहारा कौन बनेगा, वहीं मां को अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि जिस रंजीत को पिछले रविवार को हंसी खुशी के साथ ड्यूटी जाने के लिए विदा किया था, वही रंजीत चार दिन के बाद तिरंगे में लिपट कर अपने घर आएगा। जहां रंजीत के आने से परिवार के साथ ही दोस्तों में हंसी ठिठोली देखा जाता था। वहीं रंजीत पूरे गांव को रुलाकर चला गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button