घर-घर जाकर मरीजों का इलाज करेगा एम्स
नई दिल्ली/टीम एक्शन इंडिया
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मरीजों के घर-घर जाकर उनका इलाज करेगा। एडवांस स्टेज पर पहुंच चुके गंभीर बीमारी के मरीजों को इलाज के साथ अन्य चिकित्सा सुविधाएं भी देगा, साथ ही इन मरीजों पर अध्ययन कर देश के अन्य जिलों में चिकित्सकीय सुविधाएं विकसित करने के लिए मॉडल भी तैयार करेगा। दरअसल एम्स के आॅन्कोलॉजी विभाग ने राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, झज्जर के पास बाढ़सा गांव को गोद लिया है। यहां भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रोजेक्ट के तहत हर मरीज के घर-घर जाकर उनकी जांच की जा रही है। जांच के दौरान उन्हें इलाज के साथ देखभाल सहित अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। इस बारे में एम्स कैंसर सेंटर व राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (झज्जर) की प्रमुख डॉक्टर सुषमा भटनागर ने कहा कि एम्स ने बाढ़सा गांव को गोद लिया है। यहां हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। इस दौरान जांच में जिनमें किसी भी प्रकार के लक्षण दिख रहे हैं, उनका उपचार शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा एडवांस स्टेज पर पहुंच चुके गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के घर-घर जाकर देखा जा रहा है कि वह किस स्थिति में हैं। ऐसे मरीजों को पैलेटिव केयर की जरूरत होती है। एम्स इनकी पहचान कर घर जाकर इलाज के साथ उचित देखभाल करेगा।
देश के लिए तैयार होगा मॉडल: डॉ. भटनागर ने कहा कि एम्स संस्थान के रूप में काम कर रहा है। यहां मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं और उसके परिणाम पर अध्ययन कर मॉडल तैयार किया जा रहा है, जिसे सरकार को सौंपा जाएगा। इन मॉडल को देश के अन्य जिलों व गांव स्तर पर लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा। इससे अधिकतर मरीजों को जिला स्तर पर ही उपचार मिल जाएगा।हर मरीज को रेफर करने की जरूरत नहीं: डॉ. भटनागर ने कहा कि एम्स में मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण रेफर नीति है। देखा गया है कि अधिकतर मरीजों को एम्स में भेज दिया जाता है, जबकि उन्हें रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ती। यहां एडवांस स्टेज के 60 से 70 फीसदी मरीजों को आने की जरूरत ही नहीं होती। इनमें से अधिकतर मरीजों का कैंसर काफी फैल चुका होता है जिसका उपचार संभव नहीं। ऐसे मरीजों को केवल सिस्टम मैनेजमेंट की जरूरत होती है जो उनके जिले या गांव स्तर पर ही मिल सकता है। एम्स इसे लेकर मॉडल भी तैयार कर रहा है। साथ ही जिला स्तर पर इसे लागू करने की दिशा में काम करेगा। आयुष का भी सहारा: डॉ. भटनागर ने कहा कि कैंसर के मरीजों के उपचार में आयुष को भी जोड़ा गया है। इसके उपचार के दौरान देखा जा रहा है कि मरीजों को इलाज के साथ आयुष औषधि देने का क्या फायदा है।