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डॉ. अर्चना सुसाइड केस में भाजपा के एक और विधायक की बढ़ी मुश्किलें

जयपुर

भाजपा विधायकों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को 20 साल पुराने मामले में एडीए कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल सजा का बरकार रखने का आदेश पारित कर दिया। इससे उनकी विधायकी जाना तय है। वहीं बीजेपी के ही एक अन्य विधायक डॉ. जितेंद्र गोठवाल के खिलाफ भी एक सुसाइड केस के मामले में केस चलाने के आदेश दे दिए हैं।

साल 2022 में लालसोट में डॉ. अर्चना शर्मा ने सुसाइड कर लिया था। इस मामले में तत्कालीन सरकार ने जितेंद्र गोठवाल सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। पहले एडीजे कोर्ट और फिर हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने गोठवाल से चार्ज हटाने के आदेश जारी किए थे। लेकिन डॉ. अर्चना शर्मा के पति ने इस फैसले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक गोठवाल को झटका देते हुए मामले में जांच जारी रखने के आदेश जारी कर दिए। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले में फिर से जांच शुरू होगी और एडीजे कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी।

क्या है पूरा मामला?
लालसोट में 2022 में डॉ. अर्चना शर्मा के अस्पताल में एक प्रसूता की मौत हो गई। इसके बाद जितेंद्र गोठवाल और कुछ अन्य लोगों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया और डॉ. अर्चना के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करवाया। इसके बाद डॉ. अर्चना ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया। डॉ. अर्चना के पति डॉ. सुनीत शर्मा ने लालसोट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद आत्महत्सा के लिए उकसाने के मालले में गोठवाल सहित 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद गोठवाल 53 दिन जेल भी रहे। केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट में चल रही थी जिसके खिलाफ गोठवाल ने हाईकोर्ट में रिविजन याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए एडीजे कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी ओर गोठवाल पर लगे चार्ज रद्द करने का आदेश दे दिया।

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