हरियाणा

भाकियू ने की शुगर मिल की तालाबंदी, रस्सा लगाकर शुगर मिल का रास्ता किया बंद

कैथल/टीम एक्शन इंडिया
किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने शुक्रवार को कैथल के सहकारी शुगर मिल में गन्ने की सप्लाई बंद कर दी और धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने तालाबंदी करने का कार्यक्रम बनाया था। परंतु तालाबंदी की सूचना पर शुगर मिल प्रशासन ने मुख्य रास्ते पर लोहे के गेट को ही हटा दिया। किसानों ने रस्सा लगाकर मिल का गेट बंद कर और शुगर मिल कैथल की तालाबंदी कर ऐलान कर दिया।किसानों का कहना है कि जब तक भाव नही बढ़ेगा तब तक अनिश्चितकालीन तालाबंदी रहेगी। भाकियू चढूनी के जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड व गन्ना संघर्ष समिति के प्रधान महिपाल नैन की अध्यक्षता मे शुगर मिल के गेट पर धरना शुरू कर दिया। भाकियू युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना,किसान संघ के प्रदेश प्रवक्ता रणदीप आर्य के नेतृत्व मे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

महावीर चहल नरड ने कहा कि मौजूदा सीजन में गन्ने का भाव न बढ़ाकर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रदेश के किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। चीनी मिलों में किसान का सवा दो महीने से गन्ना जा रहा है,लेकिन भाव न बढ़ाकर गठबंधन सरकार उनके साथ ज्यादती करने पर तुली हुई है। सरकार द्वारा गन्ने का भाव बढ़ाने से इंकार करना साफ संकेत है कि किसान को बर्बाद करने के लिए उसकी फसल के सही दाम तक नहीं देने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि रस निकाले जाने के बाद गन्ने की खोई शुगर मिल से 400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि किसान को गन्ने का भाव पिछले साल वाला 362 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल रहा है। गन्ने की लागत और किसान की मेहनत को देखते हुए गन्ने का भाव इस बार कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए था, लेकिन दाम न बढ़ाकर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने किसानों को बड़ा धोखा दिया है। शुक्रवार शाम तक किसान शुगर मिल के गेट के आगे डटे हुए थे और धरना जारी था

पुलिस के साथ बनी रही टकराव की स्थिति: शुगर मिल का लोहे का गेट हटाने के बावजूद किसान नहीं हटे और उन्होंने रस्सी लगाकर रास्ता बंद कर लिया। किसानों का प्रयास था कि शुगर मिल में गन्ना लेकर आने वाली कोई भी ट्राली अंदर न जा सके। किसानों के प्रदर्शन को लेकर भारी पुलिस बल तैनात रहा। धरने पर भाकियू जिला कार्यकारी गुरनाम सिंह फरल,गुलतान नैन,डायरेक्टर रामेश्वर ढुल,कृष्ण मालखेडी,सुभाष भागल,तेजा गिल, केवल सिंह सिद्ध,नरेंद्र बराड,किनदर चीका,रवि चकू,जोगिंदर केलरम,रणधीर बरसाना,विक्रम दुसैण,प्रिस बडैच,सुनील सधू,नरेंद्र मागो माजरी,बिनदर सिरटा,इन्द्र चहल, सतनाम दुसैण,सेठपाल पाल क्योडक,सजय गुर्जर म्यौली,कुलदीप तवरं,बलबीर तवरं,पाला राम क्योडक,जसमेर ढाडा,महेन्द्र बिहान,कुलदीप मलिक,दीप लालर, जसबतं सधू मौजूद रहे।

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