‘मोदी’ सरनेम वाली टिप्पणी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। सजा पर रोक लगाने के शीर्ष अदालत के फैसले के जवाब में उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “आज, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। हम अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले का स्वागत करते हैं। हम अदालत में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी की “मोदी उपनाम” टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी, जबकि कहा कि सार्वजनिक जीवन में एक व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ यह मामला दायर किया था कि “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?” 2019 में कर्नाटक कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी।
कौन हैं पूर्णेश मोदी
22 अक्टूबर 1965 को गुजरात के सूरत में जन्मे पूर्णेश मोदी बीजेपी से जुड़े हैं। उन्होंने बीकॉम और लॉ की डिग्री भी ली हुई है। पेशे से वकील मोदी सूरत के अदजान इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं। वो पहली बार गुजरात की तेरहवीं विधान सभा (2013-17) के उपचुनाव में जीत कर सदन में पहुंचे थे। साल 2013 में वहां के तत्कालीन विधायक किशोर भाई की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद जब उपचुनाव हुए तो बीजेपी ने पूर्णेश मोदी को चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव हुए तो भी पूर्णेश मोदी ही बीजेपी के उम्मीदवार थे। इस बार के चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई।