
लोहिया संस्थान : आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों को हर महीने वेतन के लिए काटने पड़ते हैं चक्कर
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लगातार एक वर्ष से शासनादेश का उलंघन किया जा रहा है । सेवा प्रदाता फर्म सुदर्शन फैसिलिटी प्रा लि द्वारा विभिन्न पदों पर काम कर रहे अल्प वेतन भोगी सैकड़ों कर्मचारियों का वेतन देने में लेटलतीफी कर रही है। बताया जा रहा है कि आज 12 तारीख होने को आई अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका है। जबकि नियम सात तारीख तक वेतन देने का है।
कर्मचारियों की मानें तो शासन ने कई बार आदेश जारी किया है कि आउटसोर्स कर्मियों को हर माह की 7 तारिख तक वेतन भुगतान हो जाये, अन्यथा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा, लेकिन इस आदेश का यहां कोई फर्क नहीं है कंपनी 12 से 15 तारिख तक भुगतान मुश्किल से कर रही है । आज 12 तारीख तक भुगतान नहीं हुआ । आरोप है कि कर्मचारियों द्वारा वेतन के बारे में पूछने पर पता चलता है कि संस्थान प्रशासन ने बिल नही पास किया है। देरी संस्थान की ओर से होती है। यह हाल तब है जब संस्थान में 5 अधिकारी आउटसोर्स के बिल वेरिफिकेशन के लिए बनाए गए है और फाइल 10 दिन तक घूमती रहती है । ऐसे में कर्मचारियों को घर का खर्च, बच्चो की फीस, मकान का किराया देने में हर महीने परेशान होना पड़ता है ।
संस्थान में दो कंपनी और भी काम कर रही है,लेकिन उनके तहत काम कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन समय से भुगतान हो रहा है। ऐसे में फर्म जिम्मेदार है या प्रशासन, यह तय करने वाला कोई नहीं है। वेतन न मिलने से फिलहाल कर्मचारी आक्रोशित है, लेकिन बोलने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। आरोप यहां तक है कि कर्मचारियों की इस समस्या पर शासन,प्रशासन भी मौन साधे हुए हैं।