हरियाणा

हरियाणा में नहीं बढ़ेगी किसानों पर बिजली चोरी में जुर्माना राशि

  • एचईआरसी ने की थी 60 गुणा बढ़ाने सिफारिश
  • लाइन लास 11 प्रतिशत कर गुजरात (Gujarat) आगे बढ़ी हरियाणा (Haryana) की बिजली कंपनियां
  • इस साल के अंत तक प्रदेश के सभी गावों में मिलेगी 24 घंटे बिजली

चंडीगढ़: हरियाणा (Haryana) सरकार ने बिजली नियामक आयोग की सिफारिशों को खारिज करते हुए किसानों पर बिजली चोरी में जुर्माना राशि बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया है. मुख्यमंत्री (Chief Minister) मनोहर लाल ने उन अधिकारियों के प्रति भी नाराजगी दिखाई है जिन्होंने एचईआरसी की सिफारिशों को लागू करने के लिए फील्ड में सर्कुलर जारी कर दिया था.

हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) मनोहर लाल रविवार (Sunday) को अपने कार्यक्रमों में बदलाव करके गुरुग्राम (Gurugram)से चंडीगढ़ (Chandigarh) पहुुंचे और पत्रकारों से बातचीत में बिजली चोरी में 60 गुणा तक बढ़ी हुई जुर्माना राशि को वापस लेने का ऐलान किया.

मुख्यमंत्री (Chief Minister) मनोहर लाल ने भी स्पष्ट किया कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग का आकलन करने का अपना नजरिया हो सकता है, लेकिन प्रदेश सरकार उनके हर फैसले को लागू करने के बाध्य नहीं है. हरियाणा (Haryana) राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली की चोरी करने वाले किसानों पर जुर्माना राशि बढ़ाकर साढ़े छह लाख रुपये तक कर दी थी, जो पहले दो हजार से 20 हजार रुपये तक ही हुआ करती थी. राज्य सरकार (State government) किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली देती है, जबकि उसकी लागत पौने सात रुपये प्रति यूनिट पड़ती है. हर साल करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी कृषि क्षेत्र में दी जाती है.

दो दिन पहले बिजली विभाग के अधिकारियों ने एक सरकुलर सभी मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं, कार्यकारी अभियंताओं, एसडीओ और जेई को भिजवा दिया, जिसमें बिजली चोरी करने वाले किसानों से जुर्माना राशि बढ़ाकर वसूल करने के आदेश हैं.

मुख्यमंत्री (Chief Minister) कहा कि इससे इंस्पेक्टरी राज बढ़ेगा. राज्य सरकार (State government) किसानों को सस्ती बिजली देती है. जुर्माना की राशि 10 पैसे प्रति यूनिट की बजाय 20 पैसे प्रति यूनिट तो समझ में आती है, लेकिन सीधे पौने सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से जुर्माने की राशि को डबल कर साढ़े 13 रुपये प्रति यूनिट की दर से स्वीकार नहीं किया जा सकता. मनोहर लाल ने बताया कि इस आदेश को लागू करने वाले बिजली अधिकारियों के प्रति उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर की है और इस आदेश पर रोक लगा दी गई है.

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