हिमाचल प्रदेश

Himachal Apple Season: कुल्लू ट्रक यूनियन ने बागवानों को दी राहत, सेब ढुलाई का नहीं बढ़ेगा किराया

कुल्लू: हिमाचल में सेब सीजन चल रहा है. जिला कुल्लू में भी सेब का सीजन शुरू हो गया है. विभिन्न सब्जी मंडियों से सेब ट्रक से बाहरी राज्यों की मंडियों तक पहुंचाया जा रहा है. बागवानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. इस साल बागवानों को किराए में राहत मिली है. क्योंकि जिला कुल्लू में ट्रक ऑपरेटर पिछले साल के किराए पर ही सेब पेटियों की ढुलाई की करेंगे. अभी तक जिला कुल्लू से करीब 15,000 ट्रक से सेब देश के विभिन्न मंडियों में भेजा गया है.

ट्रक ऑपरेटरों ने सेब पेटी ढुलाई का रेट किया तय: जिला कुल्लू में सबसे अधिक सेब दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी में भेजा जाता है. वर्तमान में कुल्लू से दिल्ली तक 20 किलो पेटी का मालभाड़ा 83 रुपए, 25 किलो के कार्टन का 105 रुपए तय किया गया है. 22 किलो की क्रेट का किराया 96 रुपए, 18 किलो की पैकिंग का रेट 50 रुपए तय किया गया है. जबकि मनाली से दिल्ली तक 20 किलो की पेटी का 90 रुपए, 25 किलो के कार्टन का 113 रुपए, 18 किलो के छोटे डिब्बे का 57 रुपए, 12 किलो का 97 रुपए किराया तय किया गया है.

किरतपुर मनाली फोरलेन खुलने से घटी दूरी: इस साल सेब ढुलाई का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा. जिला कुल्लू में हजारो बागवानों को ट्रक ऑपरेटर यूनियन ने राहत दी है. किरतपुर मनाली फोरलेन शुरू होने से ट्रक ऑपरेटर के लिए दूरी कई किलोमीटर कम हो गई है. साथ ही ट्रक ऑपरेटरों का भी समय बच रहा है. जिसके चलते उन्होंने अब बागवानों को राहत दी है. पहले ट्रक ऑपरेटरों को सुंदरनगर से घागस, बिलासपुर और स्वारघाट होते हुए किरतपुर पहुंचना पड़ता था, लेकिन फोरलेन सड़क मार्ग शुरू होने से अब ट्रक बिलासपुर से भराड़ी, केन्चीमोड होते हुए सीधे किरतपुर पहुंच रहे है. जिससे उन्हें 45 किलोमीटर कम सफर करना पड़ रहा है.

कुल्लू में बड़े पैमाने पर सेब उत्पादन: गौर रहे कि जिला कुल्लू में करीब 30000 हेक्टेयर भूमि में सेब का उत्पादन होता है. जिसमें रॉयल और सुपर वैरायटी शामिल है. इसके अलावा पलम, नाशपाती, अनार, जापानी फल भी जिला कुल्लू में काफी संख्या में तैयार होता है. सेब के साथ-साथ अन्य फलों को भी बागवान बेचने के लिए बाहरी राज्यों की मंडियों का रुख करते हैं. वही ट्रक ऑपरेटरों ने मालभाड़े में राहत दी, जिसकों लेकर कुल्लू के बागवानो ने संतोष व्यक्त किया है.

मालभाड़े में वृद्धि नहीं होने से बागवानों को राहत: कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय ने बताया संपर्क सड़कों में अभी बड़ी गाड़ियों को ले जाना मुश्किल है. ऐसे में छोटे वाहनों के माध्यम से सेब को मुख्य सड़क तक लाया जा रहा है और उसके बाद ट्रकों के माध्यम से बाहरी राज्यों की मंडी में भेजा जा रहा है. मालभाड़े में वृद्धि न होने के चलते अबकी बार बागवानों को भी राहत मिली है. ट्रक यूनियन कुल्लू के उपाध्यक्ष विशाल सूद ने बताया इस बार मालभाड़े में कोई इजाफा नहीं किया गया है. क्योंकि फोरलेन सड़क मार्ग शुरू होने से ट्रक ऑपरेटरों का समय भी बच रहा है और उन्हें कम दूरी तय करने से राहत मिली है. ऐसे में इस साल माल भाड़ा नहीं बढ़ाया जाएगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button