हरियाणा

गांवों में स्कूलों व आंगनवाड़ियों का रखरखाव जिला परिषदों के हवाले

टीम एक्शन इंडिया/चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने जिला परिषदों को स्वायत्ता प्रदान करते हुए कई तरह के अधिकार देने का ऐलान किया है। अब प्रदेश के सभी जिलों में जिला परिषदों के लिए अलग से कार्यालय बनाए जाएंगे, जिसमें जिला परिषद के सीईओ के अलावा जिला परिषद चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा अन्य स्टाफ के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। इसे जिला परिषद सचिवालय का नाम दिया जाएगा। इस समय हरियाणा के ज्यादातर जिलों में दूसरे सरकारी कार्यालयों के साथ चल रहे हैं। बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जब नई पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हुए हैं तब से जिला परिषदों में 110 करोड़, पंचायत समितियों में 165 करोड़ तथा ग्राम पंचायतों को एसएफसी के माध्यम से 850 करोड़ रुपये की धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग विंग का गठन पहले ही किया जा चुका है। जिला परिषदों तथा पंचायती राज संस्थाओं की स्वायत्ता के लिए कई योजनाओं को लागू किया जाएगा। जिसके लिए हरियाणा का एक दल जल्द ही कर्नाटक का दौरा करेगा। उन्होंने कहा कि जिला परिषदों को कई तरह के अधिकार दिए जाएंगे। जिसके तहत अब जरूरत के अनुसार गावों में जिला परिषदों द्वारा बस क्यू शेल्टर का निर्माण करवएंगी। इसके अलावा गावों में शिवधाम अथवा कब्रिस्तान के रख-रखाव, चारदीवारी आदि के निर्माण का काम भी जिला परिषदों के माध्यम से होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गावों में चार करम के रास्तों को पक्का करने, मंडी बोर्ड के अधीन आती सडकों की मरम्मत करने की जिम्मेदारी जिला परिषदों को दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ग्रामीण स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील की निगरानी, स्कूली इमारतों व आंगनवाडियों के मरम्मत कार्य भी जिला परिषदों के माध्यम से करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों में अब सीईओ व चेयरमैन हर माह बैठकों का आयोजन करेंगे। तीन माह बाद एक संयुक्त बैठक होगी। जिसमें विकास कार्यों पर अंतिम मोहर लगाई जाएगी। इसके अलावा खेत-खलिहान योजना भी अब जिला परिषदों के माध्यम से चलाई जाएगी।

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