
मेरी सफलता के पीछे मेरी माँ का हाथ : मनोहर लाल
करनाल/राजकुमार प्रिंस।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नागरिकों से आह्वान किया कि हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि देश व प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों को रोकेंगे और नारी का सम्मान बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में महिलाओं को पूजनीय माना जाता है। मातृ देवो भव, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता वास करते हैं। इसलिए नारी की रक्षा व सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी का दायित्व है।
मुख्यमंत्री आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में करनाल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली कई महिलाओं को 154 पुरस्कार व नगद ईनाम दिए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सफलता का सफरनामा नामक पुस्तक का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि हर सफल पुरूष के पीछे एक महिला का हाथ होता है। उन्होंने अपने जीवन का एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब उन्होंने 10वीं पास कर आगे की पढ़ाई करने की इच्छा व्यक्त की तो उनके पिताजी ने इनकार दिया। तो उन्होंने अपनी माँ से कहा कि वे आगे पढना चाहते हैं और उस दौर में माँ ने उन्हें 300 रुपये दिए, जिससे उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सफलता के पीछे उनकी माँ का ही हाथ है। यदि माँ ने वह पैसे न दिए होते तो शायद आज इस प्रकार यहां इस भूमिका में शायद न खड़ा होता। स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद अब देश-दुनिया में बिकेंगे मुुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद अब डिजिटल माध्यम से पूरे देश व दुनिया में बिकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने फ्लिपकार्ट कंपनी के साथ समझौता किया है। इससे महिलाओं की आमदनी में वृद्धि होगी, वहीं उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को ट्रेनिंग देने के लिए घरौंडा में 3.5 करोड़ रुपये की लागत से ट्रेनिंग सेंटर खोला गया है। ऐसे सेंटर राज्य के अन्य हिस्सों में भी खोले जाएंगे। सीएम ने कहा कि आज प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 56,434 है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से आग्रह किया कि परिवार पहचान पत्र के सत्यापित डाटा के अनुसार जिन परिवारों की आय एक लाख रुपये से कम है, ऐसे परिवारों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाए, ताकि उन महिलाओं की आर्थिक स्थिति िमें सुधार हो सके और वे स्वाभिमान से अपना जीवनयापन कर सकें।