हरियाणा

दिव्यांगों को भी पीपीपी के माध्यम से ऑटोमेटिक बनेगी पेंशन

टीम एक्शन इंडिया/चंडीगढ़
ई-गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 3 नई पहलें आरंभ की हैं। इनमें प्रो इन पहलों से लाभार्थी डिजिटल रूप रूप से और अधिक सशक्त बनेंगे। मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ये तीन आईटी पहल निश्चित रूप से राज्य सरकार के पेपरलैस और पारदर्शी शासन के दृष्टिकोण में मील का पत्थर साबित होंगी
प्रो-एक्टिव दिव्यांग पेंशन सेवा के बारे में जानकारी देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार सभी सरकारी सेवाओं को लोगों के घर द्वार पर पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। इसी कड़ी में अब हमने दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को आॅटोमेटेड पेंशन का लाभ देने का फैसला किया है। आज से दिव्यांग पेंशन को भी परिवार पहचान पत्र से जोड़कर आटोमैटिक ढंग से पेंशन बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परिवार सूचना डेटा कोश में 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग के रूप में सत्यापित दिव्यांगों के प्रासंगिक डेटा को हर महीने हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। सत्यापन के बाद पात्र पाए गए ऐसे सभी दिव्यांगों का डेटा योजना द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार सेवा विभाग के साथ साझा किया जाएगा। सेवा विभाग के जिला अधिकारी पेंशन शुरू करने के लिए इन नागरिकों की सहमति लेने के लिए उनके पास जाएंगे। सहमति प्रदान करने वाले सभी दिव्यांगों की अगले महीने से पेंशन शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब ऐसे सभी लाभार्थियों को अपना लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
‘ताऊ से पूछो’ व्हाट्सऐप बॉट पर नागरिक पीपीपी से जुड़े अपने सवालों की जानकारी कर सकेंगे प्राप्त: मुख्यमंत्री ने वेब बेस्ड चैट बॉट सॉल्यूशन के साथ-साथ ताऊ से पूछो नामक व्हाट्सएप बॉट का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान नंबर जारी करने के लिए हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण की स्थापना की हुई है। आज के डिजिटल युग में नागरिकों की विशाल संख्या के विभिन्न सवालों के जवाब देना एक बड़ा कठिन कार्य है। इसके समाधान के लिए हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण ने वेब बेस्ड चैट बॉट सॉल्यूशन के साथ-साथ ताऊ से पूछो’ व्हाट्सएप बॉट बनाया है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप के साथ एकीकृत ताऊ से पूछो नामक व्हाट्सएप बॉट नागरिकों के प्रश्नों का तुरंत जवाब देगा। यह सबके लिए आसानी से सुलभ होगा और नागरिक अपने घर बैठे सरलता से व्हाट्सएप पर संवाद कर सकेंगे। इस इंटीग्रेटेड डिजीटल प्लेटफॉर्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी तकनीकों को जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म से नागरिकों के साथ-साथ सरकार का समय भी बचेगा। प्राप्त प्रश्नों का विश्लेषणात्मक अध्ययन निश्चित रूप से शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया में सहायक सिद्ध होगा। मनोहर लाल ने कहा कि नागरिक विभिन्न डेटा फील्ड की स्थिति के साथ-साथ आय, विवाह, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, राशन कार्ड, जाति, पेंशन और शिकायतों जैसी सेवाओं के बारे में प्रश्न पूछ सकते हैं। एकीकृत ताऊ और व्हाट्सएप बॉट परिवार पहचान संख्या से संबंधित प्रासंगिक प्रश्नों का उत्तर देगा। परिवार द्वारा आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, पात्रता, सरकारी नियमों और विभिन्न कार्यक्रमों के लाभों पर सलाह लेने के लिए एकीकृत ताऊ से पूछो व व्हाट्सएप बॉट के साथ संवाद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नागरिक आय प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पेंशन, और शिकायतों व समस्याओं सहित विभिन्न सेवाओं के लिए अपने आवेदनों की प्रगति की जांच कर सकेंगे।

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