
सरदार पटेल विवि का दायरा कम करना कांग्रेस सरकार का मंडी से बदला: भाजपा
टीम एक्शन इंडिया/मंडी/ खेमचंद शास्त्री
भाजपा विधायक इंद्र सिंह गांधी,दिलीप ठाकुर और दीपराज कपूर ने कहा की मंडी संसदीय क्षेत्र और मंडी जिले को कांग्रेस की राजनीतिक परिस्थितियों का खम्याजा भुगतना पड़ रहा है।अगर सरदार पटेल यूनिवर्सिटी का दायरा कम किया गया है तो उसके पीछे कांग्रेस पार्टी की नकारात्मक सोच जनता के समक्ष आई है। उन्होंने कहा की ऐसा प्रतीत होता है की जिस प्रकार से 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने मंडी जिले में 10 में से 9 सीटें भाजपा को जीत कर दी उसे हार का पूर्ण बदला वर्तमान कांग्रेस सरकार मंडी जिला की जनता से ले रही है। इस प्रकार के निर्णय कांग्रेस की पड़ी फू ट के कारण भी हो सकते हैं। जिस प्रकार से कांग्रेस में नेतृत्व और वर्चस्व की एक बड़ी जंग चल रही है उससे भी मंडी के विकास को फ र्क पड़ा है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के अधीन आने वाले दिनों में तीन जिलों के कालेज ही होंगे। गत दिनों हुई कैबिनेट बैठक में एसपीयू के अंतर्गत आने वाले जिलों को कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल चुकी है। जानकारी के अनुसार सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के अंतर्गत अब मंडी, लाहुल-स्पीति और कुल्लू जिला के कालेज ही शामिल होंगे। कुल्लू जिला में भी आनी व निरमंड डिग्री कालेज को हिमाचल प्रदेश विवि के अधीन करने की योजना है। इसके बाद एसपीयू के अधीन तीन ही जिलों के कालेज शेष रह जाएंगे। पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2022 में सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की स्थापना की थी। वर्ष 2022 में अस्थायी कैंपस में विश्वविद्यालय का शुभारंभ कर दिया गया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार सत्ता में आने के बाद अब एसपीयू से जिलों को कम करने की प्रक्रिया शुरू हुई। एसपीयू के शुभारंभ के दौरान पूर्व भाजपा सरकार ने दोनों विश्वविद्यालय के अधीन छह-छह जिलों के कालेज किए। जिस जिला को जो विश्वविद्यालय नजदीक पड़ाए उसमें शामिल किया गया।
उस दौरान सरकार का कहना था कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में सरकारी व निजी महाविद्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इससे प्रदेश के एकमात्र विश्वविद्यालय पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सरकार ने इसके बाद सुझाव आने पर मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया। तीन जिलों को छोडकर शेष नौ जिलों के कालेज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंडर आएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जनता को दिए जाने वाली सुविधाएं अच्छी नहीं लगती, शायद कांग्रेस का यह कल्चर है कि वह केवल अपने बारे में ही सोचते हैं और जनता के बारे में नहीं। अगर भी जनता के बारे में सोचते होते तो ऐसे जन विरोधी निर्णय वह कभी नहीं लेते।