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मुद्रा लोन से आत्मनिर्भर बनीं दिल्ली की रेखा
नई दिल्ली/टीम एक्शन इंडिया
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना से झुग्गी बस्ती में रहने वाली रेखा ने अपने सपनों का साकार कर दिखाया है। मुद्रा लोन की सहायता से अपना काम शुरू कर रेखा अब आत्मनिर्भर बन गई हैं। मुद्रा योजना का लाभ उठारकर वह स्वयं तो स्वावलंबन की ओर बढ़ीं, साथ ही क्षेत्र की और जरूरतमंद महिलाओं को भी रोजगार दिया। रेखा अपने हाथों से बनी वस्तुओं को बेचकर रोजगार कमा रही हैं। हस्तशिल्प के माध्यम से उन्हें न सिर्फ रोजगार मिला है, बल्कि उनके अंदर आत्मविश्वास भी जागृत हुआ है। अपने माता-पिता, पति व दो बेटों का भरण पोषण भी वह स्वयं करती हैं।
33 वर्षीय रेखा अपने परिवार के साथ शाहदरा के पुराने बस स्टैंड के पीछे झुग्गी बस्ती में रहती हैं। रेखा ने बताया कि वह अपने पति और दो बेटों के साथ माता-पिता के घर में रहती है। उनके पति के पास भी कोई काम नहीं था, जिस कारण पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। बस्ती में सेवा भारती की सेतु योजना से जुड़े कार्यकतार्ओं द्वारा उन्हें मुद्रा लोन की जानकारी मिली। उन्हीं की सहायता से लोन भी प्राप्त हुआ। रेखा ने बताया कि मुद्रा लोन से उनकी सभी परेशानियों का हल हो गया, अब उनके दोनों बेटे भी अच्छे निजी स्कूल में पढ़ रहे हैं। मुद्रा लोन से उनके आत्मनिर्भर बनने के सपने के साथ जर जर हुए मकान को बनवाने का सपना भी पूरा हुआ है। हस्तशिल्प वस्तुओं का थोक व्यापार करती हैं रेखा
रेखा ने सबसे पहले 2019 में 25 हजार रुपये का लोन लिया, जिससे सदर बाजार में पटरी लगाकर अपने हाथों से बनी सजावटी वस्तुओं को बेचना शुरू किया। दूसरी बार 2020 में 50 हजार और फिर 2021 में एक लाख का लोन लेकर अपना काम बढ़ाया। अब रेखा सदर बाजार में ही एक किराये की दुकान लेकर हस्तशिल्प वस्तुओं का व्यापार कर रही है। वह फूलों की लड़ियां, मूर्ति, बंधनवार, शादी के कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाले सजावटी सामान रेखा ने बताया कि दीवाली, होली, रक्षाबंधन आदि त्योहारों के समय करीब 10 दिन के अंदर वह दो से तीन लाख रुपये कमा लेती हैं। इसके अलावा बिना सीजन भी महीने में एक लाख रुपये कमाई हो जाती है,जिसमें से दुकान, लेबर व अन्य खर्चे हटाकर उनके पास 40 से 50 हजार रुपये बचते हैं। रेखा अपने पड़ोस में रहने वाली दूसरी महिलाओं को भी मुद्रा लोन के लाभ बताकर अपना काम शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।