
शनि देव की जयंती धूमधाम से मनाई
खेमचंद शास्त्री
मंडी: शनि देव की जयंती वीरवार को धूमधाम से मनाई गई। शनि मंदिर खलियार में सुबह से ही साढ़े साती और ढ़ैया के निवारण के अनुष्ठान चलते रहे। वहीं भक्ति भावना से ओतप्रोत होकर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह भंडारों का भी आयोजन किया था। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है इस पावन दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्त होती है।
मंदिर पुजारी पितांबर शर्मा ने बताया शनि जयंती के उपलक्ष्य पर हर रोज शनिदेव मंदिर में जप और पाठ आयोजित किया जा रहा था। संध्याकालीन में शनिदेव की महाआरती के साथ ही मंदिर में जागरण का भी आयोजन हो रहा था। उन्होंने कहा कि आज शनि जयंती के उपलक्ष्य पर पूणार्हुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों को शनि देव का प्रसाद वितरित किया गया।पीतांबर शर्मा ने कहा कि हर शनिवार को शनि देव मंदिर विशेष पूजा अर्चना की जाती है और तुला दान भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि दूर-दूर से भक्त शनि देव मंदिर आते हैं और यहां पर शीश नवाते हैं।
गौरतलब है कि पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए समर्पित होता है। लेकिन शनि जयंती का दिन भी शनि देव की पूजा के लिए बहुत खास होता है। शनि जयंती को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। पंचाग के अनुसार शनि देव का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन हुआ था। इसलिए हर साल इसी दिन शनि देव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं।