हिमाचल प्रदेश

सुखविंदर सरकार का व्हाइट पेपर फाइनल, बीते 5 सालों की फाइनेंशियल कंडीशन का ब्यौरा, विधानसभा सत्र में होगा पेश

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सरकार पूर्व जयराम सरकार पर हिमाचल को कर्ज में डुबोने का आरोप लगाती रही है. प्रदेश में वित्तीय हालत खस्ता होने का जिम्मेदार पूर्व भाजपा सरकार को ठहराती है. जिसे लेकर विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की वित्तीय हालत पर श्वेत पत्र जारी करने का बात कही थी. इसके लिए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई थी. 15 सितंबर को सब कमेटी की चौथी बैठक में श्वेत पत्र के ड्राफ्ट को फाइनल कर दिया गया.

5 साल के वित्तीय हालत व्हाइट पेपर: बैठक के बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सब कमेटी ने प्रदेश की वित्तीय हालत पर श्वेत पत्र का ड्राफ्ट फाइनल कर लिया है. इसमें पिछले 5 सालों की वित्तीय हालातों का लेखा-जोखा है. जल्द ही इसे मुख्यमंत्री को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद इस व्हाइट पेपर को विधानसभा सेशन में पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें 5 साल की सारी फाइनेंशियल कंडीशन की डिटेल्स हैं.

‘विधानसभा में देंगे विपक्ष को जवाब’: 18 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है. विधानसभा सत्र में विपक्ष के सभी सवालों का पूरा जवाब दिया जाएगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा के बाद सरकार बड़े स्तर पर राहत और पुनर्वास के कार्य कर रही है. इस बरसात से प्रदेश में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. जबकि करीब 13 हजार से ज्यादा घर बर्बाद हो गई हैं. प्रदेश में भारी बरसात से हजारों करोड़ों का नुकसान है. इसके बावजूद सरकार ने अपने स्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य किया है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष को विधानसभा सत्र में इसका जवाब देगी.

हिमाचल पर बढ़ता कर्ज: उल्लेखनीय है कि अपने विकास कार्यों और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश कर्ज पर निर्भर रहता है. जिससे प्रदेश पर लगातार कर्ज बढ़ता गया. हालांकि कांग्रेस सरकार पूर्व जयराम सरकार पर हिमाचल को कर्ज में डुबोने का आरोप लगाती रही है. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने अपने पांच साल के कार्यकाल में 2017 से 2022 तक 26 हजार 716 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. जबकि वीरभद्र सिंह सरकार ने साल 2012 से साल 2017 के दौरान 19 हजार 200 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. मौजूदा सुखविंदर सरकार भी कर्ज पर निर्भर है. अब तक सुखविंदर सरकार 5 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है. जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में हिमाचल पर 76 हजार करोड़ का कर्ज है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button