नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार संबंधी गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ आज मामले पर सुनवाई कर सकती है.
गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी.
गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य का दम घुट जाएगा. राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है? इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा.
गांधी ने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है.
इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. मामले में फैसले के बाद राहुल गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.