हिमाचल प्रदेश

डिजीटल दौर में कंप्यूटर की आधुनिक और एडवांस शिक्षा का महत्व बढ़ा

टीम एक्शन इंडिया/बिलासपुर/ कश्मीर ठाकुर
सरकार द्वारा बच्चों के विकास के लिए कौशल विकास भत्ता जैसी योजनाएं चलाई गई हैं ताकि बच्चे कंप्यूटर के इस युग में चुनौतियों का सामना करते हुए स्वरोजगार के पथ पर अग्रसर हो सकें। यह बात घुमारवीं के शिवम इंस्टीच्यूट आॅफ वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर द्वारा प्रमाणपत्र वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे जिला रोजगार अधिकारी राजेश मेहता ने कही। उन्होंने कहा कि डिजीटल दौर में कंप्यूटर की आधुनिक और एडवांस शिक्षा का महत्व और बढ़ गया है।

राजेश मेहता ने कहा कि बच्चे रोजगार के लिए केवल सरकारी क्षेत्र की ओर ही न देखें यदि प्राइवेट क्षेत्र में भी उन्हें रोजगार का अवसर मिलता है तो तुरंत ज्वाइन करेंं। गौर हो कि एसआईवीटी घुमारवीं मुख्य कार्यालय में नाइलेट ओ लेवल पास करने वाले 43 बच्चों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। वहीं जिला रोजगार अधिकारी राजेश मेहता के साथ आए जॉब कॉर्डिनेटर भूपेश शर्मा ने बच्चों को नौकरी प्राप्त करने के टिप्स बताए। जिसमें बायोडाटा बनाना, साक्षात्कार की तैयारी करना, बॉडी लेंग्वेज, पर्सनेलेटी डेवलेपमेंट व साक्षात्कार का सामना करना आदि शामिल रहा। वहीं एसआईवीटी सोसायटी के एमडी सतीश चंद शर्मा ने कंप्यूटर क्षेत्र में वर्तमान जरूरतों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आई ओ टी इंटरनेट आॅफ थिंक्स सेंसर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोट टेक्नोलॉजी, ड्रोन टैक्नोलॉजी का अब दौर चल रहा है। निकट भविष्य में इसी पर काम होगा तथा स्टूडेंटस को इस ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईओटी के तहत मनुष्य सैंकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर सेंसर के माध्यम से अपने कार्य आपरेट कर सकता है। वहीं रोबोट टैक्नोलॉजी के तहत मेडीकल, एजूकेशन, एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों में काम शुरू हो गया है। जबकि ड्रोन टैक्नोलॉजी के तहत सेना व मेडीकल तथा अन्य आपातकाल समय में सामान को इधर से उधर करने में इस टैक्नोलॉजी की डिमांड और बढने वाली हैं। चूंकि देश के बड़ी आईटी संस्थानों में इस पर तेजी से काम हो रहा है जबकि छोटे शहरों में इस प्रकार की टैक्नोलॉजी के पहुंंचने में थोड़ा वक्त लगेगा।

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