दिल्ली

हरियाणा के मंत्री पर महिला कोच का नया खुलासा

चंडीगढ़/टीम एक्शन इंडिया
यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे से हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को लेकर जूनियर महिला कोच ने बड़े खुलासे किए हैं। कोच का कहना है कि गृह मंत्री अनिल विज से मिलने से पहले मंत्री ने उसे मनाने की कोशिश की थी। मंत्री ने कोच से कहा कि तुम जो चाहती हो, मैं वही करूंगा, बस तुम केस वापस ले लो। मंत्री संदीप पर 31 दिसंबर को चंडीगढ़ में केस दर्ज हुआ। उसके अगले दिन यानी 1 जनवरी को महिला कोच गृह मंत्री से मिलने के लिए अंबाला गई थी। इन आरोपों के बीच जूनियर महिला कोच ने मामले की जांच कर रही चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी से मिलने का समय मांगा है। वहीं मंत्री संदीप सिंह पहले ही आरोपों को नकार चुके हैं।
मंत्री ने कहा- कीमत तो देनी पड़ेगी: जूनियर महिला कोच का कहना है कि अनिल विज से मिलने से पहले मंत्री ने कहा था कि तुमने जो नुकसान किया है, उसकी कीमत तो देनी पड़ेगी। कोच ने संदीप सिंह से कहा कि तुम सब कुछ खरीद सकते हो, लेकिन मुझे नहीं। हर आदमी एक जैसा नहीं होता। मुझे पैसे नहीं चाहिए। मुझे उतना ही हजम होगा जितने मैंने हाथ पैर तुड़वाए हैं, जितनी मैंने मेहनत की है।
खून-पसीना एक करके यहां तक पहुंची: जूनियर महिला कोच का कहना है कि मैं खून-पसीना एक करके यहां तक पहुंची हूं। मुझे यदि उल्टे काम ही करने होते तो मैं पहले ही यह कर चुकी होती। इतनी मेहनत करके मैं यहां पहुंची हूं, इसे जाया नहीं जाने दूंगी। वह दूसरे लोग होते हैं, जो उल्टे कामों को करके अपने आगे बढ़ने की राह बनाते हैं, मैं वैसी नहीं हूं।
सिफारिश के लिए आ रहे फोन: जूनियर महिला कोच का कहना है कि अभी भी मंत्री की सिफारिश में मुझे फोन आ रहे हैं। अभी भी छोटी-मोटी कोशिशें चल रही हैं। पटियाला के कुछ लोगों ने मुझे 3 दिन पहले मेरे इंडियन टीम के साथी ने फोन करके कहा कि देखो मंत्री ने मामला दबा दिया है। कुछ नहीं होगा अब इसमें। सीएम खुद मंत्री को बचा रहे हैं। देख ले बाकी, पीछे हट जा अभी भी। मेरे खुद के स्टाफ के लोग भी मुझे केस वापस लेने को कह रहे हैं।
प्रैक्टिस के लिए विदाउट पे का दबाव: संदीप सिंह और उसके साथ के लोगों ने उस पर विदाउट पे प्रैक्टिस का दबाव बनाया। जूनियर महिला कोच ने बताया कि मंत्री ने उससे कहा कि एशियन गेम में यदि मेडल नहीं आएगा तो लिख कर दो, कि जो खेल मंत्री चाहेगा मैं वह करूंगी। मैंने इसका विरोध किया, कहा कि मैं लिखकर नहीं दूंगी। पूर्व खेल मंत्री के खराब आचरण को देखते हुए हरियाणा-पंजाब में प्रैक्टिस के लिए भी स्टेडियम में घुसने नहीं दिया जाता था।

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