राष्ट्रीय

श्रीलंका में आर्थिक और सियासी संकट बरकरार 

आपको बता दे पिछले कुछ सालों से श्रीलंका आर्थिक संकट से झूंझ रहा है। जिसके कारण यहाँ महंगाई दर बहुत बढ़ चुका है। श्रीलंका फिलहाल गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. देश की महंगाई दर ने लगातार 9वें महीने रिकॉर्ड स्तर छुआ है. श्रीलंका में जून के महीने में महंगाई दर 54.6 प्रतिशत रही है. वहीं श्रीलंकाई रुपया इस साल अब तक डॉलर के मुकाबले अपनी आधी कीमत गंवा चुका है. श्रीलंका की जनता मंहगाई से परेशान है, खाने पीने की चीज़ों से लेकर , पेट्रोल- डीजल की कीमतों में इज़ाफ़ा होता ही जा रहा है। छोटे-बड़े इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की कीमतें भी आसमान छू रही है। श्रीलंका भूखमरी की कगार पर पहुँच चुका है, सरकार का विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म होता जा रहा है।

जरूरत की चीजों के लिए परेशान श्रीलंका के लोगों का उबल रहा गुस्सा अब फट चुका है. हिंसा की आग तेज होने लगी है और आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका की हालत बद से बदतर होती जा रही, और अब वह सड़को पर उतर चुकी है, शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन का घेराव करने के बाद उस पर कब्जा कर लिया. भवन में आम जनता का सैलाब उमड़ चुका है, लोग राष्ट्रपति भवन के स्विमिंग पूल में नहाते हुए नज़र आए और भवन की लाइब्रेरी पर भी जनता ने कब्जा कर लिया  राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मौजूदा हालात देखकर एक दिन पहले भी आवास छोड़कर भाग गए. इस वक्त श्रीलंका में न कोई राष्ट्रपति है, और न कोई सरकार देश की सेना ने जनता से शांति बनाने की अपील की है।

श्रीलंका महासंकट पर भारत की पलपल नज़र

श्रीलंका में चल रहे महासंकट के बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका को लेकर बहुत सहायक रहे हैं। हम हर संभव मदद की कोशिश कर रहे हैं। वे अपनी समस्या पर काम कर रहे हैं, देखते हैं आगे क्या होता है। अभी तक शरणार्थियों से संबंधित कोई समस्या नहीं है। शरणार्थियों को लेकर चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों के भी संपर्क में हैं। जयशंकर ने कहा कि हम श्रीलंका को लेकर बहुत सहायक रहे हैं। हम हर संभव मदद की कोशिश कर रहे हैं।

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